मंदिर परिसर में अलबेली व्यवस्था, तृतीयपंथी का अलग टायलेट, स्तनपान भी एकांत में

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मंदिर परिसर में अलबेली व्यवस्था, तृतीयपंथी का अलग टायलेट, स्तनपान भी एकांत में


मंदिर परिसर में अलबेली व्यवस्था, तृतीयपंथी का अलग टायलेट, स्तनपान भी एकांत में


मंदिर परिसर में अलबेली व्यवस्था, तृतीयपंथी का अलग टायलेट, स्तनपान भी एकांत में


मंदिर परिसर में अलबेली व्यवस्था, तृतीयपंथी का अलग टायलेट, स्तनपान भी एकांत में










अयोध्या,22 मार्च (हि.स.)। नवनिर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में कुछ ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं जो शायद ही अन्यत्र मिलें।

अत्याधुनिक तकनीक और शिल्पकारों के कौशल से श्रीराम लला के मंदिर का जैसा भव्य निर्माण किया गया है। जिस खूबसूरती से एक-एक खंभे और दीवारों पर मूर्तियां उकेरी गईं, उसी तरह बेहद खूबसूरती से गढ़े गये शिल्प चित्ताकर्षक और अचंभित करने वाले तो हैं ही परिसर के भीतर के अन्य निर्माण भी किसी मामले में पीछे नहीं हैं।

मालूम हो कि श्री राम लला मंदिर की पश्चिमी दिशा में प्रसाधन कक्षों का निर्माण किया गया है। इनका निर्माण उच्च गुणवत्ता का तो है ही, सुघड़ता भी बेमिसाल है। साफ-सफाई का तो कहना ही क्या। हवाई अड्डों की व्यवस्था को भी पीछे छोड़ता है प्रसाधन क्षेत्र का इंतजाम। यही नहीं बहुत कुछ ऐसा जो अन्यत्र दुर्लभ है। यथा तृतीयपंथी (ट्रांसजेंडर) के लिए अलग टायलेट, दुधमुंहे बच्चों को स्तनपान कराने के लिए एकांत देने को विशेष कक्ष भी है। किसी सार्वजनिक स्थल पर इस तरह की व्यवस्था प्रायः मुश्किल ही मिलती है। साफ-सफाई ऐसी की माडर्न किचेन भी शर्मशार हो उठे। शानदार वाशबेसिन, आटोमेटिक ड्रायर। खाली स्थानों पर मनमोहक हरियाली। प्रसाधन का प्रयोग कर लौटने वालों से प्रशंसा सुन-सुनकर वहां भी जरूरतमंद से ज्यादा दर्शनार्थी पहुंचने लगे हैं।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय कहते हैं कि प्रयास यही है कि मंदिर की व्यवस्था और स्वच्छता जनमानस में उदाहरण की तरह प्रस्तुत हो।

हिन्दुस्थान समाचार/पवन पाण्डेय

/मोहित