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राजधानी जयपुर में नारी शक्ति का शंखनाद:अदम्य नारी रत्न सम्मान में चालीस विभूति सम्मानित

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राजधानी जयपुर में नारी शक्ति का शंखनाद:अदम्य नारी रत्न सम्मान में चालीस विभूति सम्मानित


राजधानी जयपुर में नारी शक्ति का शंखनाद:अदम्य नारी रत्न सम्मान में चालीस विभूति सम्मानित


जयपुर, 8 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान की राजधानी जयपुर में नारी शक्ति के साहस,संस्कार और संकल्प का एक अनूठा संगम देखने को मिला। विन्ज़ा बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और स्किल शिक्षा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “अदम्य नारी रत्न सम्मान – 2025” का भव्य समारोह सीतापुरा स्थित पीआईईटी परिसर में आयोजित हुआ। इस गरिमामयी आयोजन ने न केवल महिला सशक्तिकरण को नई परिभाषा दी। बल्कि राजस्थान की धरा पर प्रेरणा का एक नया अध्याय भी लिखा।

इस वर्ष के समारोह की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि भारत के विभिन्न राज्यों से आई चालीस से अधिक उन विशिष्ट महिलाओं की उपस्थिति रही। जिन्होंने शिक्षा,समाज सेवा, कला, उद्यमिता, स्वास्थ्य, संस्कृति और नेतृत्व जैसे विविध क्षेत्रों में अपने असाधारण योगदान से समाज को नई दिशा दी है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना रहे। मंच की शोभा बढ़ाते हुए मकराना ने अपने संबोधन में नारी शक्ति को समाज की मजबूती और प्रगति का केंद्र बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन उन महिलाओं को वास्तविक सम्मान दिलाते हैं जो समाज में प्रेरक भूमिका निभा रही हैं और यह पहल निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव लाने वाला एक सशक्त कदम है। वहीं विशिष्ट अतिथि में महीप सिंह सोलंकी, कपिल शर्मा, डॉ. नूपुर जैन, आंचल पुरी, किशोर गिताला, मेघराज सिंह राजावत, गवर्धन सिंह राजावत तथा शक्ति सिंह राजावत की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में ऋतवंश फाउंडेशन तथा शक्ति सिंह एंड ब्रदर्स ने कंधे से कंधा मिलाकर महत्वपूर्ण और सक्रिय भूमिका निभाई। प्रबंधन और आयोजन के प्रति उनके समर्पण ने ही इस कार्यक्रम को इस उच्च स्तर तक पहुँचाया।

इसके अलावा कार्यक्रम का कुशल संचालन राकेश गुर्जर और नितिन वर्मा (विन्ज़ा बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स एवं स्किल शिक्षा) द्वारा किया गया। सम्मानित होने वाली प्रतिभागी महिलाओं को मेडल, स्मृति-चिह्न और प्रमाणपत्र प्रदान कर उनकी उपलब्धियों को सराहा गया। समारोह का मूल संदेश साहस, संस्कार और संकल्प—यही अदम्य नारी की पहचान है, पूरे वातावरण में गूंजता रहा। अंतः जयपुर का यह आयोजन नारी शक्ति के सम्मान की एक नई मिसाल कायम रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश