16 दिसंबर से मलमास: मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम
जयपुर, 11 दिसंबर (हि.स.)। इस माह में 16 दिसंबर से मलमास लग जाएगा। इसके बाद से मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे । खरमास में श्री हरि विष्णु और सूर्य देव की पूजा की जाती हैं, जिससे व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और खुशियां आती हैं। सूर्य जब बृहस्पति की राशि धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं उसको मलमास और खरमास के नाम से जाना जाता हैं। इस बार मलमास की शुरुआत 16 दिसंबर से होगी और 14 जनवरी 2026 को सूर्य के मकर में प्रवेश के साथ मलमास समाप्त हो जाएगा।
ज्योतिषाचार्य बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि मलमास के दौरान नया घर खरीदना या गृह प्रवेश करना, विवाह, मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, सगाई आदि कार्य करना निषेध हैं। मलमास में सूर्य को जल अर्पित करना, श्री हरि विष्णु और तुलसी की पूजा करना, जप, तप और दान करना, गंगा या अन्य पवित्र नदी में स्नान करना, पशु- पक्षियों की सेवा करना शुभ माना गया हैं।
खरमास समाप्ति के बाद भी विवाह मुहूर्त कम
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि सूर्य के धनु से मकर में प्रवेश के साथ 14 जनवरी की रात सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे और अगले दिन मकर संक्रांति का पुण्यकाल प्राप्त होगा। इसके बावजूद वैवाहिक मुहूर्त तुरंत शुरू नहीं होंगे। क्योंकि शुक्र अभी भी अस्त रहेंगे। एक फरवरी को शुक्रोदय होगा, किंतु तब तक वे बाल्यावस्था में रहेंगे, इसलिए शुभ मुहूर्त 4 फरवरी से ही प्रारंभ होंगे।
फरवरी 2026 के वैवाहिक मुहूर्त:
4, 5, 6, 10, 11, 12, 13, 14, 19, 20, 21, 24, 25, 26
मार्च 2026 के मुहूर्त:
9, 10, 11, 12, 13, 14
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

