हैकाथान कार्यक्रम : जैव विविधता संकट में, समाधान के प्रयास जरूरी : डॉ. कर्नाटक

जोधपुर, 26 मई (हि.स.)। भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के 110 वें वर्ष के उपलक्ष्य में 110 घंटे के हैकाथान श्रृंखला के अंतर्गत मरू प्रादेशिक केंद्र जोधपुर द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर चयनित टीमें भाग ले रही है जो मरुस्थलीय जैवविविधता के संरक्षण के लिए अपना प्रजेंटेशन प्रस्तुत करेंगे।
शुभारंभ सत्र में प्रभारी अधिकारी डॉ. इंदु शर्मा ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए कहा कि जैव विविधता के लिए हमें संयुक्त प्रयास करने होंगे। इस संस्थान के वैज्ञानिकों ने सर्वेक्षण शोध कार्यों से अपना योगदान दिया है। आज वैज्ञानिकों युवाओं एवं नागरिकों के संयुक्त प्रयास से ही पृथ्वी का संरक्षण संभव होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि जैव विविधता संरक्षण में भारतीय प्राणी सर्वेक्षण का महत्वपूर्ण योगदान रहा है आज मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ हमें जलवायु परिवर्तन की रोकथाम के बारे में भी सोचना होगा। आइंस्टीन ने कहा था कि यदि मधुमक्खी खत्म हो गई तो आने वाले दस वर्षों में मानव सभ्यता पर संकट आ जाएगा।
डॉ. एनएस राठौर ने कहा कि भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के साथ-साथ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को भी अपने स्तर पर प्राणी नमूने एकत्र कर विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थानों के माध्यम से अपने अध्ययन को गति देनी चाहिए ताकि कम हो रही प्रजातियों का डाटा एकत्र किया जा सके।
प्रोफेसर लालसिंह राजपुरोहित ने बताया कि विलुप्त हो रही जैव विविधता के जिम्मेदार मानव है क्योंकि मानवीय हस्तक्षेप से ही जलवायु परिवर्तन हो रहा है गर्मी बढ़ रही है और इनके संरक्षण के प्रयास भी हमें ही करने होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश