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खेलते-खेलते नदी में गए पोते, बचाने उतरा दादा भी डूबा

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खेलते-खेलते नदी में गए पोते, बचाने उतरा दादा भी डूबा


भरतपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। बयाना थाना इलाके के गांव नगला बंडा में दादा के साथ नदी किनारे पर गए दो पोते खेलते-खेलते अचानक पानी में चले गए। दोनों बच्चे अचानक नदी किनारे बने गहरे गड्ढे में डूबने लगे। पोतों को डूबता देख दादा उनको बचाने नदी में उतरा तो वह भी डूब गया। गांव के लोगों को इस बारे में पता चला तो नदी किनारे भीड़ जमा हो गई। गांव वाले रस्सियां लेकर नदी में उतर गए और तीनों की तलाश शुरू की, लेकिन तीनों नहीं मिले। दोपहर में एसडीआरएफ की टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया और एक घंटे बाद दादा का शव बाहर निकाल लिया।

सदर थाना एसएचओ बलराम यादव ने बताया कि गांव नगला बंडा निवासी विश्राम सिंह (62) पुत्र बालमुकुंद गुर्जर गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे गांव के पास से गुजर रही गंभीर नदी में बकरियों को पानी पिलाने और नहलाने गया था। इस दौरान विश्राम सिंह के साथ उसके दो पोते योगेश (15) और अंकित (10) पुत्र गजराज भी गए थे। दादा बकरियों को पानी पिला रहा था। इसी दौरान खेलते-खेलते दोनों पोते नदी के पानी में चले गए और डूब गए। विश्राम सिंह ने पोतों को पानी में डूबते देखा तो उनको बचाने के लिए गहरे पानी में उतर गया और डूब गया। ग्रामीणों को इस बारे में पता लगा तो सभी दौड़कर नदी किनारे पहुंचे और रस्सियों के सहारे नदी में उतरकर तीनों की तलाश शुरू की। काफी देर तक ढूंढने के बाद भी तीनों का कोई सुराग नहीं मिला। इस पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

गंभीर नदी में तीन लोगों के डूबने की सूचना पर डीएसपी कृष्णराज, तहसीलदार विनोद मीणा, सदर थाना एसएचओ बलराम यादव सहित पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और एसडीआरएफ टीम को सर्च ऑपरेशन के लिए बुलाया। दोपहर में एसडीआरएफ की टीम ने तीनों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम ने दादा विश्राम का शव निकाल लिया। वहीं दोनों बच्चों की तलाश की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों के पिता गजराज गांव में ही खेती का काम करते हैं। गजराज का एक बेटा मनोज (12) घटना के समय घर पर ही था। दीपावली पर एक परिवार के तीन लोगों के डूबने की घटना से गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों के अनुसार बजरी की खुदाई के कारण नदी किनारे गहरे गड्ढे बने हुए थे। ऐसे में संभावना है कि तीनों नदी के अंदर गहरे गड्ढे में समा गए। मानसून सीजन में अच्छी बारिश के बाद करौली के पांचना बांध से इस बार गंभीर नदी में बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया था। यह पानी अभी भी नदी के किनारे बने गहरे गड्ढों में भरा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित