प्रकृति पोषण की जनजातीय परंपराओं से प्रेरणा लें : राज्यपाल
जयपुर, 29 नवंबर (हि.स.)। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को जवाहर कला केंद्र के शिल्प ग्राम में जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार, ट्राइफेड और नगर निगम ग्रेटर द्वारा आयोजित आदि महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने इस अवसर पर महोत्सव में देशभर के राज्यों से भाग लेने वाले शिल्पकारों, कलाकारों का अभिनंदन करते हुए आम जन से आह्वान किया कि दैनिक जीवन में जनजातीय उत्पादों का अधिकाधिक उपयोग किया जाए।
बागडे ने समारोह में बिरसा मुंडा की स्मृति को नमन करते हुए कहा कि वह अंग्रेजों से ही नहीं लड़े बल्कि आदिवासी क्षेत्रों में निरंतर जागरूकता का कार्य किया। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 2021 से प्रतिवर्ष हमारे यहां 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाया जाता है। यह दिवस जनजातीय परंपराओं को सहेजने, उनके विकास और उनके समग्र कल्याण को समर्पित है।
राज्यपाल ने आदिवासी परंपराओं के संरक्षण पर जोर देते हुए प्रकृति पोषण से जुड़े उनके कार्य अपनाए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने जनजातियों के समग्र विकास के लिये उनसे जुड़े क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उनके आजीविका के अधिकाधिक अवसर प्रदान करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने बताया कि राजस्थान में आदिवासी जनसंख्या 13 से साढ़े 13 प्रतिशत है। इनकी शिक्षा के अवसरों में वृद्धि के साथ युवाओं को कौशल विकास के लिए कार्य हों। उन्होंने कहा कि देश की गरीबी तभी कम होगी जब राष्ट्र के बच्चे पढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के स्तर पर भीख मांगने वाले नहीं पढ़ने वाले सौ परिवारों को चिह्नित कर स्कूल भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने आम जन से भी आह्वान किया कि वे जनजातीय शिक्षा से वंचित बच्चों के बारे में जानकारी दें और उनको शिक्षा प्रयासों में सहयोग करें।
बागडे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जनजाति दिवस पर 'जनजातीय न्याय महाअभियान—जनमन की देश में शुरूआत की है। जनजाति परिवारों और बस्तियों को बुनियादी सुविधाओं से लाभान्वित करने के अंतर्गत इस योजना में 24 हजार करोड़ रुपए के कार्य प्रारंभ किए गए है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा ' धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' प्रारंभ करने की चर्चा करते हुए कहा कि जनजातीय आबादी के लिए समान अवसरों का सृजन, सामाजिक-आर्थिक स्तर का विकास, बुनियादी ढांचे का सुधार और स्वास्थ्य, शिक्षा तथा आजीविका के क्षेत्र में ठोस कार्य किए जाएं।
जनजातीय विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने जनजातीय कलाकारों की उत्पादित सामग्री के प्रदर्शन के अधिकाधिक अवसर दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी उत्पाद देशभर को समझने की दृष्टि देते हैं। नगर निगम ग्रेटर की महापौर डा. सौम्या गुर्जर ने आदि महोत्सव को वोकल फोर लोकल मुहिम को आगे बढ़ाने वाला बताया। आरम्भ में ट्राइफेड के क्षेत्रीय प्रबंधक संदीप शर्मा ने सभी का स्वागत किया।
इससे पहले राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने आदि महोत्सव में विभिन्न राज्यों से आए शिल्पकारों द्वारा प्रदर्शित उत्पाद स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने एक एक कर राज्यों के विभिन्न भागों की प्रमुख उत्पादित वस्तुओं, हस्तशिल्प उत्पादों, कलाओं का बारीकी से अवलोकन कर उनके बारे में जानकारी ली। उन्होंने आदिवासी उत्पाद भी क्रय कर शिल्पकारों को प्रोत्साहित किया।
उन्होंने आदिवासी कलाकारों द्वारा प्रस्तुत गवरी लोक नाट्य और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखी और लोक कलाकारों की सराहना की।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश