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तीन हजार करोड़ के ड्रग रैकेट मामले में 9 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला

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तीन हजार करोड़ के ड्रग रैकेट मामले में 9 साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला


उदयपुर, 26 मई (हि.स.)। राजस्थान में उदयपुर के कलड़वास में 2016 में पकड़े गए तीन हजार करोड़ के बहुचर्चित ड्रग रैकेट में अदालत ने 9 साल बाद फैसला सुनाया है। एनडीपीएस एक्ट की एडीजे-1 कोर्ट के न्यायाधीश मनीष वैष्णव ने 6 आरोपियों को 20-20 साल की कठोर कैद और 2-2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जबकि एक अन्य आरोपित अतुल महात्रे को खराब स्वास्थ्य के चलते 10 साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना दिया गया।

इस केस में कुल आठ आरोपी थे, जिनमें मुख्य आरोपित सुभाष दूदानी की तीन साल पहले मौत हो चुकी है। बाकी 7 के खिलाफ ट्रायल चला। कोर्ट में फैसले के दौरान भारी भीड़ मौजूद रही। आरोपितों ने मुंबई से रैकेट ऑपरेट करते हुए उदयपुर के कलड़वास में एक फैक्ट्री को ड्रग्स गोदाम और राजसमंद के धोइंदा को निर्माण स्थल बनाया था। गिरोह एमडी ड्रग्स को दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया तक सप्लाई करता था। रवि दूदानी, परमेश्वर व्यास, अनिल मलकानी, संजय आर पटेल, निर्मल दूदानी और गुंजन दूदानी को 20-20 साल की सजा दी गई है। रवि और परमेश्वर 9 साल से जेल में बंद थे, बाकी आरोपित जमानत पर थे। अतुल महात्रे को 10 साल की सजा दी गई है।

उल्लेखनीय है कि 28 अक्टूबर 2016 को डीआरआई (डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) ने मुंबई इनपुट के आधार पर उदयपुर के कलड़वास में छापा मारा था। यहां से 23,500 किलो एमडी ड्रग्स बरामद की गई थी, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा थी। इसके बाद गुड़ली और धोइंदा में भी छापे मारे गए।

मामले में केंद्र सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के अतिरिक्त महाधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल, विशिष्ट लोक अभियोजक राजेश वसीटा और एससी शर्मा ने पैरवी की। कोर्ट में 50 गवाह, 1000 दस्तावेज और 300 इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आधार पर आरोपियों को दोषी ठहराया गया। यह अब तक की एमडी ड्रग्स की सबसे बड़ी बरामदगी मानी जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता