रेलवे ट्रैक जाम करने वालों पर मामला दर्ज, वीडियो फुटेज से हो रही पहचान

भरतपुर, 9 जून (हि.स.)। गुर्जर समाज की महापंचायत के बाद रविवार को रेलवे ट्रैक जाम करने और ट्रेन रोकने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। बयाना सदर थाने में एसएचओ कृष्णवीर सिंह ने सोमवार दोपहर एफआईआर दर्ज कराई है। रिपोर्ट में बताया गया कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी युवाओं ने न सिर्फ मथुरा-सवाई माधोपुर पैसेंजर ट्रेन को रोका, बल्कि रेलवे ट्रैक और इंजन को भी नुकसान पहुंचाया।
रेलवे एक्ट और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के पास इस घटना के वीडियो मौजूद हैं, जिनके आधार पर प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है।
आठ जून को भरतपुर जिले के पीलूपुरा गांव में आयोजित महापंचायत के बाद शाम करीब 4:20 बजे कुछ नाराज युवा रेलवे ट्रैक की ओर दौड़ पड़े। शाम 4:34 बजे मथुरा-सवाई माधोपुर लोकल ट्रेन (54794) को रोका गया। कुछ युवक ट्रेन के इंजन पर चढ़ गए, उसका शीशा तोड़ दिया और इंजन बंद करवा दिया। साथ ही ट्रैक के लॉक भी निकाल दिए गए।
आरपीएफ थाना इंचार्ज प्रदीप कुमार तिवारी ने बताया कि विरोध के चलते दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर लगभग दो घंटे आवागमन ठप रहा। इससे आठ से दस ट्रेनें प्रभावित हुईं। बाद में रेलवे इंजीनियरिंग टीम ने मरम्मत कर ट्रैक को दुरुस्त किया।
एफआईआर में बताया गया है कि आंदोलन समिति के प्रमुख विजय बैंसला और अन्य नेताओं ने आठ जून की महापंचायत से पहले गांव-गांव जाकर लोगों को आमंत्रित किया। बताया गया कि बैंसला ने युवाओं को उग्र आंदोलन के लिए उकसाया। महापंचायत में सरकार द्वारा भेजा गया ड्राफ्ट पढ़कर सुनाया गया, जिसमें गुर्जर आरक्षण, शहीद स्मारक का विकास और गुर्जर आंदोलन के मुकदमों की वापसी जैसे बिंदु थे, लेकिन रीट भर्ती से जुड़ी मांग शामिल नहीं थी। इससे नाराज होकर रीट अभ्यर्थी उग्र हो गए और ट्रैक जाम कर दिया। एसएचओ कृष्णवीर सिंह ने बताया कि आरपीएफ के पास मौजूद करीब 300 वीडियो की मदद से ट्रैक पर मौजूद युवाओं की पहचान की जा रही है। मामले की जांच एएसआई किशनपाल को सौंपी गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित