पीएम विकास योजना से कारीगरों के उत्पाद राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे है प्रदर्शित : मदन राठौड़

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पीएम विकास योजना से कारीगरों के उत्पाद राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे है प्रदर्शित : मदन राठौड़


जयपुर, 28 मार्च (हि.स.)। राज्यसभा सांसद और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन योजना के तहत कौशल विकास एवं उद्यमिता के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। मंत्रालय की इस योजना के माध्यम से पूर्व की सीखो और कमाओ, नई मंजिल, नई रोशनी, उस्ताद और हमारी धरोहर जैसी योजना को एकीकृत कर अधिसूचित छह अल्पसंख्यक समुदायों के विकास पर ध्यान केंद्रीत किया जा रहा है। इसमें कौशल एवं प्रशिक्षण, महिला नेतृत्व और उद्यमिता, शिक्षा घटक और बुनियादी ढांचे का विकास जैसे कार्यों से इन समुदाय का विकास किया जा रहा है। राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ के सवाल के जवाब में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में यह जानकारी दी।

राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि पीएम विकास योजना के तहत हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद मंत्रालय का नॉलेज पार्टनर है। इसके माध्यम से प्रशिक्षित कारीगरों को सहायता प्रदान की जाती है। इसमें विपणन लिंकेज प्रदान करना, प्रशिक्षण के लिए संबंधित पाठ्यक्रम मॉड्यूल सामग्री का विकास, कारीगरों के उत्पादों को ब्रांड पॉजिशनिंग और विजुअल मर्चेंडाइजिंग प्रदान करना, जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना और उत्पादक समूह कंपनियों के गठन के​ लिए कारीगरों को जुटाने जैसी सहायता प्रदान की जाती है।

राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने बताया कि मंत्रालय लोक संवर्धन पर्व के आयोजन के माध्यम से देशभर में कारीगरों को उनकी पारंपरिक कलाओं, शिल्पों को प्रदर्शित करने तथा विपणन करने में सहायता प्रदान करता है। इससे वे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से जुड़ पाते है और वर्तमान बाजार के रूझान को समझ पाते है। इसके साथ ही नए व्यापार के लिए अवसरों को तलाशने में भी सहायता मिलती है। अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से देशभर के कारीगरों को भारत टेक्स—2025 में घर की सजावट, फैशन, वस्त्र, उपहार, फर्नीचर और कई अन्य शिल्पों में अपने पारंपरिक शिल्प का प्रदर्शन करने में सहायता प्रदान की जाती है। ऐसे आयोजनों से कारीगरों और शिल्पकारों की भागीदारी से उनकी बाजार पहुंच बढ़ने, आय में वृद्धि होने, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और डिजाइनरों से जोड़कर आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश