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ऑल वुमेन दीक्षांत परेड समारोह: राजस्थान पुलिस के बेड़े में 317 नई महिला आरक्षी शामिल

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ऑल वुमेन दीक्षांत परेड समारोह: राजस्थान पुलिस के बेड़े में 317 नई महिला आरक्षी शामिल


ऑल वुमेन दीक्षांत परेड समारोह: राजस्थान पुलिस के बेड़े में 317 नई महिला आरक्षी शामिल


ऑल वुमेन दीक्षांत परेड समारोह: राजस्थान पुलिस के बेड़े में 317 नई महिला आरक्षी शामिल


जयपुर, 8 दिसंबर (हि.स.)। राजस्थान पुलिस अकादमी में सोमवार को प्रशिक्षणरत 317 महिला कांस्टेबल का दीक्षांत परेड समारोह आयोजित हुआ। समारोह में महिला आरक्षियों की पासिंग आउट परेड और शपथ के बाद राजस्थान पुलिस के बेड़े में 317 नई महिला आरक्षी शामिल हो गई हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान पुलिस के मुखिया पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने महिला आरक्षियों के 98 और 99 बैच के परेड की सलामी ली और इसे महिला सशक्तीकरण का प्रतीक बताया।

इस मौके पर पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने नई न्याय संहिताओं की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इन कानूनों को नागरिकों के लिए बनाया गया है। उन्होंने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा ये तीनों नए कानून और इनके माध्यम से भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम 21वीं सदी का सबसे बड़ा रिफॉर्म है। इन कानूनों में तकनीक को समाहित किया गया है ताकि आने वाले 50 वर्षों की चुनौतियों का सामना किया जा सके। उन्होंने बताया कि इनका पूर्ण क्रियान्वयन होने के बाद किसी भी मामले में सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में फैसला आ सकेगा। नए आपराधिक कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए प्रावधानों को और मजबूत करते हुए एक अलग अध्याय भी जोड़ा गया है।

डीजीपी शर्मा ने कहा कि नए जमाने की तकनीक से राजस्थान पुलिस भी निरंतर अपडेट हो रही है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के आईगोट प्लेटफॉर्म कर्मयोगी पोर्टल पर भी राजस्थान पुलिस के लगभग 80 हजार पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों ने रजिस्ट्रेशन किया है और वे निरंतर ऑनलाइन कोर्स कर रहे हैं।

प्रशिक्षण पूरा कर चुकी पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए डीजीपी शर्मा ने नवीन न्याय संहिताओं के प्रावधानों को जन—जन तक पहुंचाएं। उन्होंने कर्तव्यों की नैतिकता और संवेदनशीलता पर देते हुए कहा कि न्याय सिर्फ़ कानूनी प्रक्रिया नहीं है, पीड़ित को सम्मान देना, तसल्ली से सुनना और जल्द से जल्द राहत देना भी है।

डीजीपी ने पुलिसिंग को आधुनिक तकनीक से समन्वय रखते हुए कार्य करने की बात कही। उन्होंने पुलिसकर्मियों से अपने कार्य को अनुकरणीय बनाने, नई भाषाएँ सीखने, कंप्यूटर का ज्ञान अच्छा करने और तकनीक को अपने पक्ष में करने की अपील की। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के दौर में साइबर क्राइम की बढ़ती चुनौती को देखते हुए उन्होंने पुलिस को डेटा कलेक्शन, एनालिसिस और साइबर पेट्रोलिंग पर अधिक फोकस करने का निर्देश दिया।

डीजीपी ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और याद दिलाया कि सबसे बड़ा पुरस्कार एक निर्मल अंतरात्मा है। उन्होंने हाल ही में संपन्न डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए गए निर्देश के साथ अपनी बात समाप्त की। प्रधानमंत्री के अनुसार पुलिस के बारे में लोगों की सोच बदलने और पुलिसिंग को मजबूत करने की जरूरत है। महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। देश की आम जनता के बीच पुलिस की छवि बेहतर बनाने और लोगों की सोच में बदलाव लाने की जरूरत है।

इस अवसर पर 12 महिला प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के अलग-अलग श्रेणियों में श्रेष्ठता हासिल करने पर स्मृति चिन्ह और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया, वहीं राजस्थान पुलिस अकादमी की दो महिला प्रशिक्षकों पुलिस निरीक्षक रजनी मीणा व मीना वर्मा को भी प्रशंसा पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश