मां ने अंडे बेचें, मजदूरी की, खुद टिफिन डिलीवरी की और आज बन गए विधायक

अभी हाल ही में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आए है. हर तरफ नेताओं के चर्चे हो रहे है. कौन मुख्यमंत्री बनेगा कौन मंत्री इसकी भी चर्चा सियासी गलियारे में सातवें आसमान पर है. इसी बीच एक विधायक जी चर्चा में सुमार है. चर्चा खास इसलिए भी क्योंकि विधायक जी न तो कांग्रेस से आते और ना ही बीजेपी से.

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कमलेश्वर डोडियार

भारत आदिवासी पार्टी

अभी हाल ही में 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आए है. हर तरफ नेताओं के चर्चे हो रहे है. कौन मुख्यमंत्री बनेगा कौन मंत्री इसकी भी चर्चा सियासी गलियारे में सातवें आसमान पर है. इसी बीच एक विधायक जी चर्चा में सुमार है. चर्चा खास इसलिए भी क्योंकि विधायक जी न तो कांग्रेस से आते और ना ही बीजेपी से. अमूमन राह चलते हुए नेता जी के साथ फॉर्च्यूनर जैसी महंगी गाड़ी. रहने के लिए आलीशान मकान. अगल-बगल चलते गार्ड्स देश के छुटभैये नेता के पास आपको मिल ही जाएगी और बात अगर विधायकी की होतो नेताओं के लाव लश्कर आसमान पर होते हैं.

लेकिन मध्य प्रदेश के कमलेश्वर डोडियार के साथ ऐसा कुछ भी नहीं है. कमलेश्वर हालिया मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में रतलाम की सैलाना सीट से विजय प्राप्त किए है. चुनाव से पहले वो अपनी बाइक से प्रचार-प्रसार करते रहे. इतना ही नहीं, विधायक जी जीतने के बाद अपने डॉक्यूमेंट्स जमा करने राजधानी भोपाल पहुंचे. वो भी अपनी स्प्लेंडर बाइक से.


भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की सैलाना सीट जीतकर मध्य प्रदेश में अपनी पहली जीत दर्ज की है. पार्टी ने कमलेश्वर डोडियार को अपना प्रत्याशी बनाया था. कमलेश्वर डोडियार ने कांग्रेस उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत को 4 हजार 618 वोटों के अंतर से हराया. कमलेश्वर डोडियार को इस चुनाव में 71 हजार 219 वोट मिले. वहीं कांग्रेस के हर्ष विजय को इस चुनाव में 66 हजार 601 वोट मिले. सीट पर भाजपा की तरफ से प्रत्याशी रही संगीता चारेल तीसरे नंबर पर रहीं. उन्हें 41 हजार 584 वोट मिले.

बात करें कमलेश्वर डोडियार के राजनीतिक सफर की तो उन्होंने पहली बार चुनाव 2018 में लड़ा था. तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद साल 2019 लोक सभा चुनाव में भी वो उतरे. लेकिन निराशा ही हाथ लगी. कमलेश्वर डोडियार ने हार नहीं मानी और इस बार विधायकी सुनिश्चित की. जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश की सैलाना सीट पर सबसे अधिक मतदान हुआ था. यहां पर 90.08 प्रतिशत वोटिंग हुई.

एक वक्त में मां ने बेचे थे, अंडे

कमलेश्वर डोडियार मूलतः आदिवासी समुदाय से आते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक डोडियार की मां ने बताया कि एक समय उन्होंने गांव में अंडे तक बेचे. कमलेश्वर डोडियार की पढ़ाई के लिए उनकी मां ने गुजरात और राजस्थान में मजदूरी तक की. इतना ही नहीं डोडियार ने भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए खुद मजदूरी की. साथ ही दिल्ली में टिफिन डिलीवरी की. डोडियार ने दिल्ली से LLB की पढ़ाई पूरी की है.

कमलेश्वर डोडियार के पास रहने को पक्का मकान नहीं

कमलेश्वर डोडियार के पास रहने के लिए पक्का मकान भी नहीं है. वो फिलहाल मिट्टी की झोपड़ी में रहते हैं और बारिश के समय उस पर तिरपाल डालकर उनका परिवार पानी से बचने की कोशिश करता है.