योगी आदित्यनाथ: नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने युवाओं में ऊर्जा भरी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने युवाओं में ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बनाया। उन्होंने भारत की आजादी के आंदोलन के दौरान युवाओं को एकजुट होकर विदेशी हुकूमत के खिलाफ लड़ने के लिए नई प्रेरणा प्रदान की थी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने अद्भुत और साहसी नेतृत्व के माध्यम से युवाओं में अद्वितीय ऊर्जा और राष्ट्रीय भावना को उत्तेजना शुरू किया। उनकी रणनीति ने न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाने में मदद की, बल्कि उन्होंने हमें दिखाया कि हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कैसे आगे बढ़ना चाहिए।"
उन्होंने कहा, आज उसी का परिणाम है कि जब हम भारत के बाहर जाते हैं तो बहुत सारी जगहों पर हमें नेताजी से जुड़े स्थल भी देखने को मिलते हैं। नेताजी भारत के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक रहे हैं। नेताजी ने युवाओं का आह्वान करते हुए देश की आजादी की लड़ाई को प्रखरता के साथ बढ़ाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री योगी ने यह बातें मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद बोस की जयंती पर कहीं। उन्होंने परिवर्तन चौक स्थित नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
सीएम ने कहा कि नेताजी ने आजाद हिंद फौज का गठन किया, नौजवानों का आह्वान किया- तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। देश की आजादी के इस मंत्र की बदौलत लाखों युवा सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार हो गए।
युवा व हर भारतवासी आजाद हिंद फौज के नेतृत्व में लड़ी जाने वाली लड़ाई का हिस्सा बना। नेताजी ने न केवल भारत, बल्कि म्यांमार, सिंगापुर समेत दुनिया के अनेक देशों में इस लड़ाई को प्रखरता के साथ बढ़ाने का कार्य भी किया। यही कारण है कि हर भारतवासी नेताजी के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव रखता है।
सीएम ने कहा कि सौभाग्य है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पावन जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में आयोजित करने और साप्ताहिक आयोजन को इससे जोड़ने का कार्यक्रम बनाया है। नेताजी भारत के शौर्य व पराक्रम के प्रतीक रहे हैं।
आज जब 127वीं पावन जयंती पर उन्हें स्मरण कर रहे हैं तो आंतरिक व बाहरी सुरक्षा की रणनीति क्या होनी चाहिए, इन स्थितियों में अब हमारे सामने सक्षम भारत है। पूरी दुनिया नए भारत को देख रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि मातृभूमि के लिए जो भी कर पाएंगे, वह कम होगा। आज की सबसे बड़ी आश्वयकता है कि हर व्यक्ति कर्तव्यों का ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करे। यही नेताजी के प्रति सच्ची श्रद्धा व सम्मान होगा।