पहलगाम आतंकी हमले पर शारदापीठ के शंकराचार्य का बयान, एकजुट होकर आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब दें
द्वारका, 26 अप्रैल (हि.स.)। द्वारका के शारदापीठ के शंकाराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए चिंता जताई है। शंकराचार्य ने कहा कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए यह चिंता की बात है कि लोगों को उनका धर्म पूछ-पूछ कर मारा जाये। द्वारकापीठ के शंकराचार्य ने आतंकी घटना को लेकर देश की जनता को एकजुट होकर आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देने की अपील की है। शंकराचार्य ने कहा कि ऐसे माहौल में सभी से अपेक्षा है कि आतंकवाद के विरुद्ध बोलकर उन्हें अपनी भारतीयता सिद्ध करनी चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा कि आज हमारी तीनों सेना इतनी मजबूत है कि विरोधियों में आमने-सामने युद्ध की हिम्मत नहीं। भारत को कमजोर करने के लिए आतंकवाद का सहारा लेकर विदेशी षड्यंत्रकारी इस तरह का काम कर रहे हैं। यह समझने की जरूरत है कि हमारी एकता ही उनके लिए जवाब है। सभी हिन्दुओं को दलगत भावना से ऊपर उठकर इसका मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा कि हम चाहते हैं कि हिन्दू समाज सनातन धर्मावलंबी अपना सनातन धर्म वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को धारण करे। किसी के प्रति हमारे मन में द्वेष की भावना नहीं होती है। लेकिन, अपनी सुरक्षा करने का अधिकार तो हमें होना चाहिए। जिस तरह स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त किया, इसी तरह धर्म पालन की स्वतंत्रता भी होनी चाहिए।
आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने के लिए हमारी एकता ही सबसे बड़ी ताकत है। भारत में निवास करने वाले किसी भी समुदाय के लोगों को यह अधिकार नहीं है कि वे आतंकवादियों को प्रोत्साहित करें। हम सभी अध्यात्मवादी लोग हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

