सिंगापुर मैरीटाइम वीक में सोनोवाल ने समुद्री क्षेत्र के विकासोन्मुखी भारत के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला

 | 
सिंगापुर मैरीटाइम वीक में सोनोवाल ने समुद्री क्षेत्र के विकासोन्मुखी भारत के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला


- द्विपक्षीय समुद्री और व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए सिंगापुर के प्रमुख मंत्रियों से मुलाकात की

नई दिल्ली, 24 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सिंगापुर मैरीटाइम वीक (एसएमडब्ल्यू) में ग्लोबल मैरीटाइम लीडर्स के साथ विचार-विमर्श करने और सुरक्षित, टिकाऊ और समृद्ध समुद्री भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण के आधार पर रणनीति तैयार करने के लिए शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री ने चुनौतियों और उसके इर्द-गिर्द समुद्री क्षेत्र के विकास को आगे बढ़ाने के भारत के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने समुद्री संपर्क और आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के लिए तर्क देते हुए कहा कि हरित टिकाऊ समुद्री भविष्य की दिशा में सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।

डिजिटलीकरण और भविष्य के लिए तैयार शिपिंग पर केंद्रीय मंत्री ने दोहराया कि यह भारत की समुद्री नीति की मुख्य रणनीति है। ओएनओपी, एनएलपी(समुद्री) और मैत्री जैसी भारत की समुद्री नीतियां बंदरगाह सेवाओं को सुव्यवस्थित कर रही हैं। भारत निर्बाध कार्गो आवाजाही के लिए वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर बनाने के लिए यूएई और सिंगापुर के साथ साझेदारी भी कर रहा है।

उन्होंने कहा, “भारत की समुद्री दृष्टि, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ में निहित है, जो सहयोग और साझा समृद्धि को बढ़ावा देती है। एक विश्वसनीय और जिम्मेदार भागीदार के रूप में भारत एक हरित, सुरक्षित और समावेशी समुद्री भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। सिंगापुर और वैश्विक भागीदारों के साथ, हमारा लक्ष्य एक लचीले समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए नवाचार और सामूहिक कार्रवाई को आगे बढ़ाना है।”

सोनोवाल ने एसएमडब्ल्यू में वरिष्ठ मंत्री और सिंगापुर के पूर्व पीएम ली सीन लूंग से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री को सिंगापुर के कानून मंत्रालय और परिवहन मंत्रालय के राज्य मंत्री मुरली पिल्लई के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इसके अलावा सरकार के अन्य वरिष्ठ सदस्यों के साथ व्यक्तिगत बैठकें भी कीं, जिनमें सिंगापुर के जनशक्ति मंत्री और व्यापार एवं उद्योग के दूसरे मंत्री डॉ. टैन सी लेंग और सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन शामिल थे। सोनोवाल ने एसएमडब्ल्यू में कहा कि भारत व्यापार मार्गों को सुरक्षित करने के लिए आईएमईईसी, पूर्वी समुद्री गलियारा और उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा जैसे प्रमुख गलियारों को विकसित करके आपूर्ति श्रृंखला की कमजोरियों को दूर कर रहा है। 20 बिलियन अमेरिकी डालर का निवेश लॉजिस्टिक्स, बंदरगाह संपर्क और व्यापार सुविधा को बढ़ाएगा। भारत ने नीतिगत सुधारों और बुनियादी ढांचे के उन्नयन के माध्यम से 2047 तक शीर्ष पांच वैश्विक जहाज निर्माण रैंक का लक्ष्य रखा है। बंदरगाहों का लक्ष्य 2047 तक अपने वैश्विक कार्गो हिस्से को 6% से 15% तक बढ़ाना है, जिसे बेड़े और शिपयार्ड विस्तार के लिए समुद्री विकास कोष द्वारा समर्थित किया जाएगा।

अपने समापन भाषण में सोनोवाल ने कहा, “स्थिरता भारत की समुद्री रणनीति का केंद्र है। हम हरित बंदरगाह अवसंरचना को आगे बढ़ा रहे हैं, कम उत्सर्जन वाली शिपिंग को बढ़ावा दे रहे हैं और कम कार्बन वाले जहाजों में नवाचार का समर्थन कर रहे हैं। तीन ग्रीन हाइड्रोजन हब पोर्ट- कांडला, तूतीकोरिन और पारादीप- वैकल्पिक ईंधन अपनाने और हरित हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ावा देंगे। भारत आईएमओ की ग्रीन वॉयेज 2050 पहल का भी नेतृत्व कर रहा है, जो विकासशील देशों को उनके ऊर्जा परिवर्तनों में मदद कर रहा है। सोनोवाल ने जेरेमी निक्सन, ग्लोबल सीईओ, वन और मसाशी हमादा सहित उद्योग के प्रमुखों के साथ-साथ एपीएम टर्मिनल, गेटवे टर्मिनल सहित समुद्री क्षेत्र के अन्य कॉर्पोरेट नेताओं से भी मुलाकात की।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव