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मोदी सरकार ने उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने, किसानों को ठीक दाम देने का काम कियाः शिवराज

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मोदी सरकार ने उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने, किसानों को ठीक दाम देने का काम कियाः शिवराज


नई दिल्ली, 5 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार ने उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने और उत्पादन का उचित दाम किसानों को देने का काम किया है। हमारा एक ही फार्मूला है- किसानों का कल्याण।

प्रश्न काल में कांग्रेस सदस्य मुकुल वासनिक के प्रश्न के उत्तर में शिवराज ने कहा कि हम स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी तरह मानते हुए कुल लागत पर 50 प्रतिशत मुनाफा देकर एमएसपी पर फसल खरीदी कर रहे हैं। कई फसलों पर तो 50 प्रतिशत से ज्यादा दाम भी देने का काम कर रहे हैं। वर्ष 2014 के पहले इतनी नहीं खरीदी जाती थी और दलहन-तिलहन की फसल के लिए तो 2014 के पहले नाममात्र की खरीदी होती थी। हमने पीएम आशा योजना भी बनाई है।

शिवराज ने कहा कि कई राज्य सरकार खरीदी में ढिलाई करती है, पूरा नहीं खरीदती है, जिससे किसानों को दिक्कत होती है, वहीं हमने तय किया है कि तुअर, मसूर, उड़द राज्य सरकार अगर कम खरीदेगी या नहीं खरीदेगी तो नैफेड जैसी एजेंसी के माध्यम से सीधे भी हम खरीदने का काम करेंगे, ताकि किसानों को ठीक दाम मिल सके। वर्ष 2004 से 2014 के बीच सभी खरीफ की फसले एमएसपी पर केवल 46 करोड़ 89 लाख मीट्रिक टन खरीदी गई थीं, जबकि मोदी सरकार ने 81 करोड़ 86 लाख मीट्रिक टन खरीदी की हैं। रबी की फसल 23 करोड़ 2 लाख मीट्रिक टन खरीदी गई थी, उस समय जब यूपीए की सरकार थी, वहीं एनडीए की सरकार ने 35 करोड़ 40 लाख मीट्रिक टन खरीदी है और अलग-अलग दलहन और तिलहन की खरीदी भी की। तिलहन 47 लाख 75 हजार मीट्रिक टन खरीदी जाती थी पहले, वहीं एनडीए की सरकार ने 1 करोड़ 28 लाख मीट्रिक टन खरीदी है। दलहन 6 लाख मीट्रिक टन 10 साल में खरीदी गई थी, वहीं हमने 1 करोड़ 89 लाख मीट्रिक टन खरीदी है और इस तरह से किसानों को उसके उत्पाद का पूरा दाम देने का हमने प्रयास किया है।

केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसके प्राण, किसानों का कल्याण मोदी सरकार का सर्वोच्च संकल्प है। हमने एमएसपी तय की, जबकि यूपीए सरकार, 2013-14 में जितनी एमएसपी देती थी, उससे दोगुनी एमएसपी घोषित करने का काम मोदी सरकार ने किया है। शिवराज ने उपजवार आंकड़े देते हुए बताया कि यूपीए सरकार के समय धान, ज्वार, बाजरा, रागी, तुअर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी, गेहूं, जौ, चना, सरसों आदि पर बहुत कम दाम दिए जाते थे, जबकि वर्तमान में एमएसपी काफी बढ़ाकर दी जा रही हैं, साथ ही एमएसपी पर खरीद भी बहुत बढ़ाई गई हैं। उन्होंने तमाम आंकड़ों के साथ यूपीए सरकार के कार्यकाल के समय से तुलना करते हुए विपक्ष पर ताना कसते हुए कहा कि हाथी के दांत खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और।

शिवराज सिंह ने कहा कि पिछले साल कर्नाटक की सरकार ने 2024-25 में तुअर खरीदने की बात की, तो हमने कर्नाटक की सरकार से कहा था कि 100 प्रतिशत खरीदो। उनका कहना रहा कि 100 प्रतिशत नहीं, हमें केवल 25 प्रतिशत की स्वीकृति दो। तब हमने 25 प्रतिशत की स्वीकृति दी, लेकिन वो भी उन्होंने नहीं खरीदी। हमने स्वीकृति दी 3,06,150 एमटी की और कर्नाटक की कांग्रेस की सरकार ने खरीदी 2,16,303 एमटी, जो गारंटी है, उसे भी आपकी सरकारें खरीदती नहीं हैं। शिवराज ने कहा कि इन्होंने तो कोई फार्मूला माना ही नहीं और हमारा एक ही फार्मूला है, किसानों का कल्याण। किसानों को उत्पाद के ठीक दाम देना हमारा संकल्प है और किसानों के हित में इस संकल्प को हम हर हालत में पूरा करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी