एनएच और एक्सप्रेस-वे के किनारे 501 डब्ल्यूएसए आवंटित

नई दिल्ली, 2 अप्रैल (हि.स.)। सरकार ने विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय राजमार्गों तथा एक्सप्रेस-वे के किनारे 501 वे-साइड एमिनिटीज (डब्ल्यूएसए) आवंटित किए हैं। इनमें से 94 डब्ल्यूएसए शुरू हो चुके हैं। वित्त वर्ष 2028-2029 तक 700 से अधिक डब्ल्यूएसए का विकास पूरा होने की संभावना है।
यह जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक अतारांकित प्रश्न के लिखित वक्तव्य में दिया। इन डब्ल्यूएसए सुविधाओं में ईंधन स्टेशन, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, शौचालय, पेयजल, पार्किंग, ढाबा-रेस्तरां अथवा भोजनालय आदि सुविधाओं का प्रावधान है। गुणवत्ता निगरानी के उद्देश्य से उपयोगकर्ताओं को डिजिटल इनपुट प्रदान करने में सक्षम बनाने के लिए डब्ल्यूएसए में एक डिजिटल फीडबैक प्रणाली स्थापित की गई है।
डब्ल्यूएसए का संचालन निजी बोली के माध्यम से चुने गए ऑपरेटरों द्वारा किया जाता है। हालांकि, रोज़गार के अवसर पैदा करने और स्थानीय कारीगरों को बढ़ावा देने के लिए, समर्पित कवर्ड ज़ोन में अनिवार्य सुविधाओं के हिस्से के रूप में दुकानों के लिए क्षेत्र आवंटित किए गए हैं। साथ ही स्थानीय उपज को बढ़ावा देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग के माध्यम से आवश्यक सुविधाओं के रूप में ग्राम हाट का प्रावधान किया गया है। चूंकि डब्ल्यूएसए का संचालन बोली प्रणाली के माध्यम से चुने गए ऑपरेटरों द्वारा किया जाता है इसलिए रोज़गार सृजन का विवरण सरकार द्वारा प्राप्त नहीं किया जाता है।
सरकार, राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के किनारे लगभग 40-60 किलोमीटर के अंतराल पर सड़क किनारे सुविधाओं के विकास की परिकल्पना करती है। फिलहाल, कुल 501 डब्ल्यूएसए का आवंटन किया गया है। उनमें से 94 ऑपरेशनल हैं, जिनमें आंध्र प्रदेश में 5, असम में 3, गुजरात में 9, हरियाणा में 20, झारखंड में 1, कर्नाटक में 5, मप्र में 11, पंजाब में 2, राजस्थान में 20, तमिलनाडु में 5, उप्र में 11 और प. बंगाल में 2 डब्ल्यूएसए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव