किसानों का डेटा पूरी तरह सुरक्षित, योजनाओं का लाभ उठाने में मददगारः शिवराज सिंह

नई दिल्ली, 28 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के किसानों को आश्वस्त किया है कि उनका डेटा राज्यों के पास पूरी तरह से सुरक्षित है। किसानों का डेटा उनकी सहमति के बिना साझा नहीं किया जा सकता। डिजिटल धोखाधड़ी और किसानों के डाटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार द्वारा अनेक उपाय किए गए हैं।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने उपन्यासकार श्रीलाल शुक्ल के राग दरबारी के एक किसान पात्र लंगड़ का जिक्र किया, जिसे अधिकारियों के तमाम चक्कर काटने के बाद भी खेत की नकल नहीं मिल पाती। उन्होंने कहा कि उस पात्र के माध्यम से लेखक ने किसानों की समस्याओं को जिस तरह से दर्शाया, उसे कांग्रेस सरकार नहीं समझ सकी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समझा। उसी का नतीजा है कि डिजिटल कृषि मिशन बनाकर किसान की सारी दिक्कतें समाप्त करने का फैसला किया।
उन्होंने बताया कि किसान रजिस्ट्री को राज्य में राजस्व रिकार्ड से जोड़ा गया है, जिससे वह तत्काल अपडेट हो सके। ताकि जमीन की वास्तविक स्थिति की जानकारी रहे। मंत्री ने बताया कि अगर किसी किसान ने अपनी जमीन किसी और को बेच दी तो तत्काल किसान रजिस्ट्री में अपडेट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि, किसान रजिस्ट्री के दौरान कुछ समस्याएं आती हैं लेकिन उनके समाधान के लिए शिकायत निवारण तंत्र कार्य करता है। इसमें किसान मोबाइल या वेब एप्लिकेशन का उपयोग कर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि डिजिटल क्रांति से सेवाओं में और योजनाओं का लाभ देने में क्रांतिकारी परिवर्तन किया जा सकता है। एक प्रधानमंत्री थे, जो कहते थे कि 1 रुपये भेजता हूं तो केवल 15 पैसे पहुंचता है लेकिन आज हमारे प्रधानमंत्री मोदी बिहार के भागलपुर में एक बटन दबाते हैं तो 9 करोड़ 80 लाख किसानों के खाते में सीधा पैसा पहुंच जाता है। किसान सामने मोबाइल दिखाकर कहता है कि पैसा खाते में आ गया, ये डिजिटल क्रांति के कारण संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के किसानों को किसान पहचान पत्र के रूप में बहुत उपयोगी सौगात दी है। किसानों का डेटा जो है, ये निजी डेटा है, जब तक किसान इसे साझा करने के लिए अपनी स्पष्ट सहमति नहीं देता है तब तक इसे साझा नहीं किया जाएगा। डिजिटल धोखाधड़ी और किसानों के डेटा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार द्वारा अनेक उपाय किए गए हैं। डिजिटल फसल सर्वेक्षण से कृषि के लाभ के सही वितरण में मदद मिलती है। इससे स्पष्ट रूप से पता चल जाता है कि किसान ने कौन सी फसल बोई है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए मोदी सरकार कई उपाय कर रही है। केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। यह डेटा उनकी मदद करने में अत्यंत मददगार साबित होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव