देश में लोकतंत्र में रहकर लाठीतंत्र से किसी कीमत पर शासन नहीं चलाया जा सकता. पटना के ADM केके सिंह के कारनामे की जांच कर रही टीम ने रिपोर्ट दे दिया है. TET अभ्यर्थियों द्वारा बीते 22 अगस्त को डाकबंगला चौराहे पर किये जा रहे प्रदर्शन के दरमियान ADM विधि व्यवस्था केके सिंह द्वारा हाथ में तिरंगा लिए एक अभ्यर्थी की पिटाई मामले में जांच कमेटी ने उन्हें दोषी करार दिया है. ध्यातव्य है कि जांच कमेटी ने कहा है कि घटनास्थल पर उन्होंने आवश्यकता से अधिक बल का प्रयोग किया, जो किसी कीमत पर नहीं होना चाहिए था. जांच कमेटी ने ADM की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब हाथ में तिरंगा लिए छात्र प्रदर्शन कर रहा था तो उस वक्त उसकी पिटाई नहीं करनी चाहिए थी. उसे हिरासत में ले लेना चाहिए था. ध्यातव्य है कि जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह को सौंप दी है. रिपोर्ट आने के बाद DM ने ADM को शोकॉज जारी किया है. गौरतलब है कि इस घटना के बाद जिलाधिकारी ने जांच कमेटी गठित की थी. जिसमें पटना के DDC और SP सिटी शामिल थे. कमेटी ने TET अभ्यर्थियों के अलावा पुलिस अधिकारी मजिस्ट्रेट एवं ADM का अलग-अलग बयान दर्ज किया. घटनास्थल पर मौजूद ज्यादातर अधिकारियों ने जांच कमेटी से कहा है कि हाथ में तिरंगा लिए अभ्यर्थी ने अचानक से पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग को तोड़ दिया था. वह हमारी तरफ आगे बढ़ रहा था. उसे देखकर उसके पीछे सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी अचानक से राजभवन की तरफ बढ़ने लगे. मौके पर मौजूद ADM ने उसे रोकने का प्रयास किया. इसी दरमियान कुछ अभ्यर्थियों द्वारा उनके साथ धक्का-मुक्की की गई. अभ्यार्थियों से घिरे ADM को कुछ हो ना जाए, यह देख वहां मौजूद पुलिस अधिकारी और मजिस्ट्रेट भी बैरिकेडिंग के पास पहुंच गए. जांच कमेटी ने आगे कहा इस घटना से क्रोधित होकर एडीएम ने उस अभ्यर्थी की पिटाई करनी शुरू कर दी. जांच कमेटी ने 2 बिंदुओं पर अपना मंतव्य दिया है. पहला, ADM को अत्यधिक बल प्रयोग नहीं करने की बात कही गई है. दूसरा, रिपोर्ट में कहा गया है कि जब अभ्यर्थी के हाथ में तिरंगा था तो ऐसी स्थिति में ADM द्वारा उसकी पिटाई नहीं करनी चाहिए थी. उसे घटनास्थल से गिरफ्तार कर लेना चाहिए था.