जदयू में बदलते राजनीतिक स्वरूप में कोई समझौता नहीं, सिटिंग 16 सीटों पर पार्टी एकजुट
पटना : बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर सियासी दलों के बीच तकरार जारी है। एनडीए सीट बंटवारे को लेकर निश्चिंत नजर आ रही है, वहीं इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर समझौते की खबरें आ रही हैं।*
जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता और बिहार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि जदयू सीटिंग 16 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और किसी भी समझौते की बात नहीं है। इसके बाद, बिहार में जो सीटें बचेंगी, वह राजद, कांग्रेस, और लेफ्ट पार्टी के बीच बांटी जाएंगी।
इस घमासान में, सीट बंटवारे की गतिविधियों को लेकर राजनीतिक दल बीते कुछ दिनों से गहरे विचार-विमर्श में जुटे हुए हैं, और इसे लेकर आगे भी नेताओं की बैठकें हो सकती हैं।
उन्होंने कहा कि हमारा समझौता राजद के साथ है। राजद के साथ पहले से कांग्रेस और वामपंथी दल रहे हैं। ऐसे भी 16 सीट के बाद भी 24 सीटें बची हैं, जो कम नहीं है। उन सीटों को अन्य पार्टियां आपस में बांट लें।
इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर राजद के साथ बैठक की। बिहार में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच पहली बार बैठक हुई। बैठक खत्म होने के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि अभी आखिरी फैसला नहीं लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पिछले चुनाव में 9 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन, मात्र एक सीट किशनगंज उसके खाते में आई थी। कांग्रेस जिन सीटों पर दूसरे स्थान पर रही, वह उसकी ताकतवर सीट है। ऐसी कई सीटों पर जदयू के उम्मीदवारों की जीत हुई थी। ऐसे में दोनों दल अपनी शर्तों पर अड़े हैं।
जदयू के वरिष्ठ नेता और महासचिव केसी. त्यागी ने भी सोमवार को फिर दोहराया कि उन्होंने 2019 में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 16 पर जीत हासिल की थी, जबकि, एक सीट पर वह दूसरे स्थान पर थी। ऐसी स्थिति में, शेष 23 सीटों के लिए राजद, कांग्रेस और वाम दलों के बीच सीट बंटवारे की बातचीत होनी है।
राजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सभी दल अपने दावे को मजबूत करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने के हकदार हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सबकुछ ठीक हो जाएगा।