नीतीश कुमार ने बिहार सीएम पद को संयोजक पद से ठुकराया
नई दिल्ली : विपक्षी गठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक में, बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (युनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने संयोजक पद को ठुकरा दिया है। उन्होंने यह दावा किया कि उन्हें संयोजक बनने की कोई इच्छा नहीं है, बल्कि वह चाहते हैं कि गठबंधन जमीन पर मजबूत बने।
इस महत्वपूर्ण गठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार ने अपने स्थानीय राजनीतिक दल के साथ मिलकर सहयोग बढ़ाने का एक विशेष कदम उठाया है। उन्होंने अपने नेतृत्व में बिहार के विकास और सामाजिक समृद्धि की दिशा में एकजुटता को महत्वपूर्ण माना है।
नीतीश कुमार ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि उनका लक्ष्य है गठबंधन को जमीन पर मजबूत करना और सभी दलों को एक साथ काम करने के लिए प्रेरित करना। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी संयोजक बनने की कोई इच्छा नहीं है और वह सिर्फ गठबंधन की मजबूती के लिए काम करना चाहते हैं।
इस बैठक में गठबंधन को मजबूत करने, सीट बंटवारे के लिए रणनीति बनाने और गठबंधन का संयोजक बनाने पर चर्चा के लिए हो रही है। यह बैठक वर्चुअली हो रही है, जिसमें 10 पार्टियों के नेता शामिल हुए। बैठक में नीतीश कुमार, एमके स्टालिन, शरद पवाार, डी राजा, मल्लिकार्जुन खरगे, उमर अब्दुल्ला, राहुल गांधी, सीताराम येचुरी, लालू यादव-तेजस्वी यादव, अरविंद केजरीवाल, डी राजा, शरद पवार शामिल हैं।
हालांकि बैठक से पहले ही विपक्ष को झटका लगा और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं हो रही हैं। साथ ही शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे भी विपक्षी गठबंधन की इस बैठक में शामिल नहीं हुए। विपक्षी गठबंधन की बैठक को लेकर भाजपा सांसद दिलीप घोष ने तंज कसा है। उन्होंने कहा 'विपक्षी गठबंधन कोई काम नहीं करता और सिर्फ बैठकें करता है। कुछ नहीं होगा और जल्द ही यह गठबंधन टूट जाएगा।