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मुर्शिदाबाद में शांति की बहाली, ममता बोलीं - प्रदर्शनकारी दिल्ली जाएं, भाजपा बोली - रास्ते में ही यूपी है

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मुर्शिदाबाद में शांति की बहाली, ममता बोलीं - प्रदर्शनकारी दिल्ली जाएं, भाजपा बोली - रास्ते में ही यूपी है


कोलकाता, 16 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब अपेक्षाकृत शांति है। हिंसा के बीच घर छोड़कर भागे लोगों धीरे-धीरे वापस लौटने लगे हैं। प्रशासन का दावा है कि बीते तीन दिनों में करीब 200 परिवार अपने गांव वापस लौट चुके हैं, जबकि 300 से अधिक लोगों की वापसी के लिए पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान सतत प्रयास कर रहे हैं।

पिछले 72 घंटों में हिंसा प्रभावित इलाकों में लगातार पुलिस और बीएसएफ की गश्त ने लोगों को भरोसा दिलाया है। पुलिस ने मंगलवार को बांग्लादेश सीमा के पास देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने वाले बाप-बेटे की हत्या के मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इस बीच प्रशासन ने सभी परिवारों को संबंधित अधिकारियों के नंबर भी मुहैया कराए हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सहायता पहुंचाई जा सके।

जिलाधिकारी दीन नारायण घोष ने बताया कि दो सामुदायिक रसोइयों के माध्यम से विस्थापित लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है और राहत किट भी बांटी जा रही हैं। जंगीपुर के पुलिस अधीक्षक आनंद राय ने दावा किया कि क्षेत्र में अब पूरी तरह शांति है और लोगों को घर वापस न लौटने का कोई कारण नहीं है।

सामाजिक सौहार्द के प्रयास और सोशल मीडिया पर निगरानीपुलिस ने बताया कि अफवाह फैलाने और सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कड़ी कार्रवाई की गई है। अब तक 1,093 अकाउंट्स को ब्लॉक किया जा चुका है। एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने कहा कि फेसबुक, एक्स, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर भड़काऊ पोस्ट साझा करने वालों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है।

बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी नीलोत्पल पांडे ने कहा कि सुरक्षा बल के जवान केवल किसी एक समुदाय के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए काम कर रहे है और उनका उद्देश्य 100 प्रतिशत विस्थापितों की वापसी सुनिश्चित करना है। पुलिस ने स्थानीय प्रतिनिधियों की मदद से बूथ स्तर पर शांति समितियां भी गठित की हैं, जिनका काम किसी भी अफवाह या विवाद की स्थिति में तुरंत प्रशासन को सूचना देना है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर

इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक समारोह के दौरान दावा किया कि मुर्शिदाबाद की हिंसा पूर्व नियोजित थी और इसके पीछे भाजपा की साजिश थी। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि सीमा पार से आ रहे उपद्रवियों को रोकने में बल विफल रहा है।

मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में मौजूद मुस्लिम समुदाय से साफ कहा कि अगर वक्फ कानून का विरोध करना है तो बंगाल में नहीं, दिल्ली में करें। उन्होंने कहा, “यहां मैं हूं, आप शांत रहें। बी कूल एंड पीसफुल। विरोध करना है तो दिल्ली जाइए – ट्रेन से, प्लेन से। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलने का समय लीजिए, लेकिन बंगाल में अशांति न फैलाएं।”

ममता बनर्जी ने दोहराया कि वक्फ संशोधन कानून को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसे राज्य की स्वायत्तता पर हमला बताया और केंद्र सरकार पर संविधान के दायरे से बाहर जाकर कानून पारित करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने साफ संकेत दिया है कि वक्फ कानून का विरोध संविधान के दायरे में रहकर और शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए। साथ ही बंगाल में शांति बनाए रखने की अपील करते हुए उन्होंने संकेत दिया कि कोई भी असंवैधानिक या उग्र आंदोलन राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस बयान पर बंगाल‌ भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजुमदार ने पलटवा‌र किया। उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं। उन्होंने दिल्ली जाने के बयान पर‌ कहा कि जो लोग दिल्ली जाएंगे वे याद रखें कि उन्हें यूपी होकर जाना होगा। वहां योगी आदित्यनाथ का राज है। वहां उनकी अच्छी खातिरदारी होगी। और दिल्ली पुलिस भी गृहमंत्री अमित शाह के अन्तर्गत आती है। ऐसे में जो भी अराजकतावादी हैं, वे ध्यान रखें कि वहां उन पर ममता नहीं बरसेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर