योगी के कार्यकाल में कैट के लखनऊ न्यायपीठ को मिला नवनिर्मित भवन : जितेन्द्र सिंह

लखनऊ, 14 अप्रैल(हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने सोमवार को केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ न्यायपीठ के नव निर्मित कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस भवन का निर्माण भी मुख्यमंत्री के सहयोग से सम्भव हो सका है। अधिकारियों को न्याय प्राप्त करने में सरलता रहे, इसके लिए केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण बनाया गया था। सीएम योगी के कार्यकाल में लखनऊ न्यायपीठ को अपना भवन मिलने का सौभाग्य मिल रहा है।
केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सीएम योगी ने जमीन देने में थोड़ा देर भी नहीं किया। 25 करोड़ में नव निर्मित कार्यालय भवन बनकर तैयार हो गया है। केन्द्र में 2014 में मोदी की सरकार बनने के बाद केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण में मामलों के निस्तारण की संख्या बढ़ी है। इसके आंकड़ें हैं। अधिकारियों का भी हौसला बढ़ा है। पहले उन्हें लगता था कि कैट जाएंगे तो बाद में हाईकोर्ट जाना पड़ेगा। इसमें लखनऊ और इलाहाबाद के ढ़ेर सारे मामले हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे न्यायालयों में बहुत सारे मामले लम्बित पड़े हुए हैं। इसके लिए ट्रिब्यूनल ने देश में अलग-अलग हिस्सों में कार्य करना आरम्भ किया। इसमें कैट का कार्य था केन्द्रीय कर्मियों को न्याय देना। कैट का जो नव भवन बनकर तैयार हुआ है, यहां से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप केन्द्र के सभी कर्मियों को न्याय दिलाने के लिए कार्य हाेगा। उन्होंने कहा कि एक सामान्य नागरिक, केन्द्रीय कार्मिक अपने न्याय को समय से प्राप्त कर सके। न्यायिक व्यवस्था में लम्बा समय लगता है। न्याय मिलने में कई बार पीढ़ियां निकल जाती हैं। सन् 1956 में एक मुकदमा न्यायालय में गया और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचते हुए तीन पीढ़ियां निकल गयीं। इसी तरह कोई केन्द्रीय कर्मी जो कैट की शरण में आता है और उसके मुकदमें में पन्द्रह वर्ष निकले गये तो उसकी क्या हालत होगी। पैतींस वर्ष की नौकरी की आयु में पन्द्रह वर्ष निकल गये तो अभी भी उसे न्याय नहीं मिला है तो आगे भी उसे न्याय नहीं मिलेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र