प्रेरणा विमर्श के ‘नवोत्थान के नए क्षितिज’ कार्यक्रम में मनोज जोशी ने भारतीयता में आध्यात्मिक मूल पर दिया जोर
नोएडा, 14 दिसंबर (हि.स.)। जाने-माने अभिनेता मनोज जोशी ने रविवार को नोएडा के सेक्टर-62 स्थित राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान में आयोजित ‘प्रेरणा विमर्श–2025’ के ‘नवोत्थान के नए क्षितिज’ कार्यक्रम में कहा कि भारतीयता के मूल में आध्यात्म है और यही देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास की दिशा तय करता है। कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और मीडियाकर्मियों ने नवोत्थान के मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने कहा कि भारत को अपना मजबूत डिजिटल और तकनीकी सिस्टम विकसित करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि विदेशी कंपनियां अब भी देश से अरबों रुपये बाहर ले जा रही हैं, जबकि बुनियादी ढांचे में तेज विकास हुआ है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रूपेश कुमार ने कहा कि युवा देश की सबसे बड़ी ताकत हैं और देश में दो लाख से अधिक स्टार्टअप चल रहे हैं। विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ी है और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में बुनियादी ढांचे के विकास से आर्थिक गतिविधियों को गति मिली है।
दूसरे सत्र में संघ के राजकुमार मटाले ने कहा कि भारत का दर्शन विश्व-कल्याण पर आधारित है। समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
तीसरे सत्र में मनोज जोशी ने कहा कि आक्रमणों और मुश्किलों के बावजूद भारत की सांस्कृतिक परंपरा सुरक्षित रही है। उन्होंने युवाओं तक इन मूल्यों को पहुंचाने की जरूरत पर जोर दिया और लोगों के अनुरोध पर चाणक्य धारावाहिक के संवाद भी प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में संघ और प्रेरणा शोध संस्थान के तमाम लोग मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

