केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में पेश किया परमाणु ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ा ‘शांति’ विधेयक
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (हि.स.)। लोकसभा में सोमवार को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ा विधेयक पेश किया, जिसका उद्देश्य भारत के कुल ऊर्जा जरूरतों में परमाणु ऊर्जा की भागीदारी बढ़ाना है। यह विधेयक परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवाचार को प्रोत्साहित करना और इसके उपयोग को गैर विद्युत क्षेत्र तक बढ़ाने के लिए है। इसका उद्देश्य सुरक्षा, रक्षा उपाय और परमाणु दायित्व के प्रति भारत की प्रतियोगिताओं का निरंतर पालन करना भी है।
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आज सतत दोहन और भारत के रुपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन एवं अभिवर्धन विधेयक, 2025 या शांति विधेयक (सस्टेनेबल हार्नेंसिंग एंड एडवांसमेंट का न्यूक्लियर एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया) पेश किया। इसका उपयोग बिजली उत्पादन, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, शोध, पर्यावरण और नवाचार में किया जाएगा। साथ ही, सुरक्षित उपयोग हेतु सशक्त नियामक ढांचा और जनकल्याण सुनिश्चित किया जाएगा।
विधेयक से बनने वाला अधिनियम परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 और परमाणु नुकसान के लिए सिविल दायित्व अधिनियम, 2010 का स्थान लेगा। प्रस्तावित कानून का उद्देश्य सार्वजनिक-निजी भागीदारी और संयुक्त उद्यम के माध्यम से सार्वजनिक और निजी खिलाड़ियों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और बड़े पैमाने पर छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की तैनाती को बढ़ावा देना है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

