वायुयान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, 2025 को मिली संसद की मंजूरी

नई दिल्ली, 03 अप्रैल (हि.स.)। लोकसभा ने गुरुवार को वायुयान वस्तुओं में हितों का संरक्षण विधेयक, 2025 ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक को राज्यसभा मंगलवार को पारित कर चुकी है। इसके साथ ही विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई।
विधेयक का उद्देश्य एयरलाइनों और विमान तथा इंजन के पट्टेदारों के बीच विवादों को नियंत्रित करने वाली अंतरराष्ट्रीय संधि के प्रावधानों को कानून में बदलना है।
विधेयक पर ढाई घंटे चर्चा चली और 25 सदस्यों ने इसमें भाग लिया। विधेयक पर चर्चा का उत्तर देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि विधेयक एयरक्राफ्ट को पट्टे पर देने के अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के तहत लाया गया है। इस संबंध में कानूनी प्रावधान होने के अभाव से एयरलाइंस को पट्टे पर विमान लेना मुश्किल और महंगा पड़ रहा था।
उन्होंने कहा कि भारत में जितने विमान की आवश्यकता है उतने हमारे पास नहीं हैं। हमारे एयरलाइन्स ने मिल कर 1700 विमानों के ऑर्डर दिए हैं। हर महीने 5-10 प्लेन ही देश में आ पा रहे हैं। इसलिए लीजिंग के नियमों को आसान बनाना होगा।
उन्होंने कहा कि 2014 से 2024 के बीच विमान यात्रा करने वालों की संख्य दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट और एयरक्राफ्ट में भी बड़ी बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान इस क्षेत्र ने कई वित्तीय संकट भी झेले हैं कोविड का समाना किया है, दो बड़ी एयरलाइन बंद हुई है इसके बावजूद भी क्षेत्र बहुत अच्छा काम कर रहा है। भविष्य में क्षेत्र के विकास के लिए यह विधायक जरूरी था।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा