वाराणसी में देश के पहले हाइड्रोजन चालित जलयान को केन्द्रीय मंत्री सोनोवाल ने दिखाई हरी झंडी
—नमोघाट से ललिताघाट श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गंगा गेट तक खुद भी बैठे
वाराणसी, 11 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी (काशी) में देश के पहले हाइड्रोजन चालित जलयान का संचालन गंगा नदी में गुरूवार से शुरू हो गया।
नमोघाट पर आयोजित समारोह में केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस जलयान को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जलयान (वाटर टैक्सी) में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल खुद भी सवार होकर ललिताघाट तक गए। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील और दूरदर्शी नेतृत्व में भारत देश में आत्मनिर्भर परिवहन प्रणालियों की ओर एक परिवर्तनकारी बदलाव दिख रहा है। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री मोदी की 'मेक इन इंडिया' की प्रतिबद्धता और हरित परिवहन के महत्व को बताती है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह जलयान हरित परिवहन के अगले युग को परिभाषित करेगा। जलमार्गों पर स्वच्छ तकनीकों को बढ़ावा देकर हम न केवल नवाचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि यह भी तय कर रहे हैं कि विकास पर्यावरण के प्रति हमारे दायित्व के साथ-साथ चले। आज की यह उपलब्धि हमारे राष्ट्र के लिए एक हरित और समृद्ध समुद्री भविष्य के निर्माण के प्रति प्रधानमंत्री के अटूट संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि पहले देश में पांच नेशनल वाटरवेज थे, जो अब बढ़कर 111 हो गए हैं। इस समय 32 जलमार्गों पर कार्गो ओर यात्री जहाजों का संचालन हो रहा है। कुल 13 नेशनल वाटरवेज पर क्रूज चल रहे हैं। कार्यक्रम को प्रदेश के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, स्टांप, न्यायालय शुल्क राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु', पत्तन एवं जलमार्ग विभाग के सचिव विजय कुमार, आईडब्ल्यूएआई के चेयरमैन सुनील पालीवाल ने भी संबोधित किया।
आईडब्ल्यूएआई के अफसरों के अनुसार गंगा नदी में पहली बार हाइड्रोजन वाटर टैक्सी चलाई जा रही है। इसमें एक साथ 50 यात्री बैठ सकेंगे। वाटर टैक्सी में पांच हाइड्रोजन सिलिंडर लगेंगे। इसकी रफ्तार 12.038 किलोमीटर प्रति घंटे रहेगी। विकल्प के तौर पर 3 किलोवाट के सोलर पैनल भी लगाए गए हैं। ईंधन रीफिलिंग के लिए चार स्टेशन बनाए जाएंगे। वाटर टैक्सी का किराया और बुकिंग का विकल्प अभी तक नहीं दिया गया है। जल्द ही आम लोगों को इस सेवा का लाभ मिलने लगेगा।
प्रतिघंटे 12 किमी से ज्यादा होगी रफ्तार, पांच हाइड्रोजन सिलिंडर लगाए
आईडब्ल्यूएआई के अधिकारियों के मुताबिक गंगा में पहली बार हाइड्रोजन वाटर टैक्सी चलाई जा रही है। इसमें एक साथ 50 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है। वाटर टैक्सी में पांच हाइड्रोजन सिलिंडर लगेंगे। विकल्प के तौर पर 3 किलोवाट के सोलर पैनल भी लगाए गए हैं। लगभग 28 मीटर लम्बे और 5.8 मीटर चौड़ाई वाले क्रूज पर 10 क्रू मेम्बर तैनात किए गए है। 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से गंगा नदी में यह वाटर टैक्सी संचालित होगा। इसमें सुरक्षा के सभी उपाय किए गए हैं। जलयान में ईधन भरने के लिए राल्हूपुर रामनगर स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल पर हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशन भी बनाया गया है। ईंधन रीफिलिंग के लिए कुल चार स्टेशन बनाए जाएंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

