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मेघालय के विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास 'शक्ति'

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मेघालय के विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास 'शक्ति'
मेघालय के विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ भारत-फ्रांस सैन्य अभ्यास 'शक्ति'

- दोनों देशों की सेनाओं के 90-90 सैन्य कर्मी संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे

- अभ्यास में भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के पर्यवेक्षक शामिल होंगे

नई दिल्ली, 13 मई (हि.स.)। भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ का 7वां संस्करण सोमवार से मेघालय के विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हो गया है। मेघालय के उमरोई में विदेशी सेनाओं को प्रशिक्षण देने के लिए आधुनिक सेंटर बनाया गया है। यहां 26 मई तक होने वाला सैन्य अभ्यास द्विवार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो वैकल्पिक रूप से भारत और फ्रांस में आयोजित किया जाता है। पिछला संस्करण नवंबर, 2021 में फ्रांस में आयोजित किया गया था।

पूर्ण रूप से विकसित विदेशी प्रशिक्षण नोड में संयुक्त अभ्यास के उद्घाटन समारोह में भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ और 51 सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल प्रसन्ना सुधाकर जोशी ने भाग लिया। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 90 कर्मियों वाली राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन अपने हथियारों के साथ कर रही है। भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के पर्यवेक्षक भी अभ्यास का हिस्सा बनेंगे। फ्रांसीसी टुकड़ी में भी 13वीं फॉरेन लीजन हाफ-ब्रिगेड (13वीं डीबीएलई) के 90 सैन्य कर्मी हैं।

सैन्य ‘शक्ति’ अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के अध्याय VII के तहत एक उप पारंपरिक परिदृश्य में बहु-डोमेन संचालन करने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। यह संयुक्त अभ्यास अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों में संचालन पर केंद्रित होगा। संयुक्त प्रशिक्षण से हासिल किए जाने वाले उद्देश्यों में उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, सामरिक स्तर पर संचालन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना शामिल है। अभ्यास के दौरान आतंकवादी कार्रवाई का जवाब देना, संयुक्त कमांड पोस्ट की स्थापना, खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, हेलीपैड/लैंडिंग साइट की सुरक्षा शामिल होंगे।

अभ्यास के दौरान विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन, घेरा और तलाशी अभियान के अलावा ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग भी शामिल है। दोनों पक्ष संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपने अनुभवों को साझा करेंगे। संयुक्त अभ्यास से दोनों देशों के सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द्र और सौहार्द्र विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे रक्षा सहयोग का स्तर बढ़ने के साथ ही दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम