मप्र उच्च शिक्षा विभाग और यूएन एंटिटी फॉर जेंडर इक्वालिटी एंड द एम्पावरमेंट ऑफ वुमेन के बीच हुआ महत्वपूर्ण एमओयू
- छात्राओं की सुरक्षा, कौशल और रोजगार के लिए उच्च शिक्षा विभाग की नई पहल, इंटर्नशिप एवं प्लेसमेंट के मिलेंगे नए अवसर
भोपाल, 10 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली में नवाचार, समानता और छात्राओं के सशक्तिकरण को केंद्र में रखते हुए प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग और द यूनाइटेड नेशन्स एंटिटी फ़ॉर जेंडर इक्वालिटी ऐंड द एम्पावरमेंट ऑफ़ वुमेन (UN Women) के बीच बुधवार को एक महत्वपूर्ण एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू ऐसे ढाँचे तैयार करेगा, जिनसे छात्राओं को निजी क्षेत्र से सीधे जोड़ने के अवसर बढ़ेंगे। इस एमओयू के माध्यम से छात्राओं को इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप, उद्योग-आधारित प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट के अधिक और व्यापक अवसर प्राप्त होंगे। इससे रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
जनसम्पर्क अधिकारी राजेश दाहिमा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह एमओयू न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण, तकनीकी दक्षता और रोजगार सृजन के व्यापक आयामों में परिवर्तन लाने की दिशा में एक निर्णायक कदम होगा, बल्कि इसके माध्यम से कॉलेजों को अधिक आधुनिक, सुरक्षित और जेंडर-संवेदी बनाने की दिशा में ठोस सुधार उपाय किए जाएंगे, जो भविष्य की नीतियों के लिए भी मॉडल साबित होंगे। इस साझेदारी का उद्देश्य राज्य की लाखों छात्राओं के लिए सुरक्षित, प्रोत्साहनपूर्ण और भविष्य की नौकरियों के अनुरूप वातावरण तैयार करना है। समझौते में कई ऐसे प्रावधान किये गए हैं जो सीधे तौर पर छात्राओं की सुरक्षा, शिक्षा, व्यक्तित्व विकास और रोजगार सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।
सुरक्षित और जेंडर-संवेदी कैंपस
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी कॉलेजों में जेंडर-इनक्लूसिव नीतियाँ, प्रभावी सुरक्षा तंत्र और जागरूकता कार्यक्रम लागू किए जाएंगे। छात्राओं को अधिक सुरक्षित और अनुकूल माहौल मिलेगा। फैकल्टी और स्टाफ को संवेदनशीलता प्रशिक्षण देकर संस्थागत संस्कृति को और सकारात्मक बनाया जाएगा। कैंपस में नेतृत्व-विकास कार्यक्रम, जागरूकता गतिविधियाँ और संवाद आधारित पहलें संचालित की जाएँगी, जो छात्राओं के आत्मविश्वास और सामाजिक सोच को मजबूत बनाएंगी।
भविष्य की आवश्कताओं के अनुरूप कौशल विकासजनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, साझेदारी के तहत छात्राओं को डिजिटल व तकनीकी स्किल,संचार व नेतृत्व क्षमता,तथा उद्योग-आधारित व्यावहारिक प्रशिक्षण से सुसज्जित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। यह पहला अवसर है जब यूएन वुमेन किसी राज्य के कौशल-आधारित करिकुलम सुधार में प्रत्यक्ष सहयोग दे रहा है।
ऐसे होगा क्रियान्वयनउन्होंने बताया कि दोनों पक्ष एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे, जो राज्य से लेकर कॉलेज स्तर तक सुचारु समन्वय बनाए रखेंगे। एमओयू में यह प्रावधान किया गया है कि किसी भी सार्वजनिक घोषणा या मीडिया जानकारी के प्रसारण से पहले दोनों पक्षों की लिखित सहमति आवश्यक होगी। आगामी योजनाओं के अनुसार ही संसाधनों का निर्धारण किया जाएगा। यह एमओयू तीन वर्षों के लिए लागू रहेगा, जिसे आवश्यकता होने पर दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा।
उच्च शिक्षा में परिवर्तन का नया अध्याययह एमओयू मध्यप्रदेश को उन अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाता है, जहाँ शिक्षा में लैंगिक समानता,आधुनिक कौशल और उद्योग सहभागिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। एमओयू इस बात का संकेत हैं कि आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में व्यापक और सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

