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(राउंड आप) हिमाचल में पांच दिन भारी बारिश की चेतावनी, तीन जिलों में रेड अलर्ट जारी

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(राउंड आप) हिमाचल में पांच दिन भारी बारिश की चेतावनी, तीन जिलों में रेड अलर्ट जारी


शिमला, 4 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर कहर बनकर टूट सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य में आगामी पांच दिनों तक भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। खासतौर पर कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों के लिए 6 जुलाई को रेड अलर्ट घोषित किया गया है। विभाग के अनुसार 5 से 9 जुलाई के बीच राज्य के ज्यादातर हिस्सों में बारिश का दौर जारी रहेगा और कई जिलों में भारी वर्षा के कारण भूस्खलन की आशंका जताई गई है।

6 व 7 जुलाई के बीच बारिश की तीव्रता सबसे अधिक रहने की संभावना है, ऐसे में राज्य सरकार और जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है।

मौसम विभाग के अनुसार 5 जुलाई को राज्य के अधिकतर हिस्सों में येलो और ऑरेंज अलर्ट रहेगा। 6 जुलाई को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों में रेड अलर्ट, जबकि अन्य जिलों (किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर) में ऑरेंज अलर्ट लागू रहेगा। 7 जुलाई को किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर बाकी 10 जिलों में ऑरेंज अलर्ट रहेगा। 8 जुलाई को फिर से येलो और ऑरेंज अलर्ट, जबकि 9 व 10 जुलाई को भी प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है।

इस बीच, शुक्रवार को भी प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में रुक-रुककर वर्षा होती रही। बीते 24 घंटों के भीतर अघ्घर में सर्वाधिक 71 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा सराहन व शिमला में 40-40 मिमी, नगरोटा सूरियां, करसोग व कंडाघाट में 30-30 मिमी, कांगड़ा, पालमपुर व मंडी में 20-20 मिमी और बरठीं, कसौली व बिलासपुर में 10-10 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।

वहीं, पिछले दिनों की भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से कई स्थानों पर भारी तबाही हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार 20 जून से अब तक वर्षा से जुड़े हादसों में 69 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 लोग लापता हैं। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है। 30 जून की रात आई त्रासदी में यहां अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 31 लोग अब भी लापता हैं।

मंडी के सिराज विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक नुकसान दर्ज किया गया है। यहां राहत और बचाव कार्य लगातार चौथे दिन भी जारी रहा। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। मंडी जिले में अब तक 164 सड़कें बाधित हैं, जिन्हें खोलने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

इधर, पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से राज्य में 280 सड़कें अब भी अवरुद्ध हैं। इसके अलावा 300 से ज्यादा ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं और 700 से अधिक पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

प्रशासन ने आम जनता, खासकर पहाड़ी व भूस्खलन संभावित इलाकों में रहने वालों से अत्यधिक सतर्कता बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। पर्यटकों को भी नदी-नालों के किनारे न जाने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा