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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर पूरा देश हुआ राममय

सैकड़ों वर्षों के इंतजार के बाद, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय इतिहास के एक अद्वितीय मोमेंट को बयान किया जब उन्होंने भव्य राममंदिर में प्रभुश्रीराम के बालविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होकर देशवासियों को यह शुभ समाचार सुनाया।
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नई दिल्ली : सैकड़ों वर्षों के इंतजार के बाद, सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय इतिहास के एक अद्वितीय मोमेंट को बयान किया जब उन्होंने भव्य राममंदिर में प्रभुश्रीराम के बालविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होकर देशवासियों को यह शुभ समाचार सुनाया।

इस महत्वपूर्ण घड़ी में, राजधानी दिल्ली समेत देश भर में लोगों ने दीपोत्सव, मिठाई बांटकर, और आतिशबाजी कर दीपावली का जश्न मनाया। राममंदिर की प्रभुश्रीराम के बालविग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पहले, प्रधानमंत्री ने अयोध्या के भक्तों को धार्मिक रूप से निरीक्षण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर राजधानी दिल्ली में सुबह से मंदिरों में पाठ और कीर्तिन शुुरु हुआ और बाजारों में सुबह से मिठाई, दीयों और अन्य सामग्री की लोगों की भीड़ देखी गई। दिल्ली में जगह-जगह लंगर और भंडारों का आयोजन किया है। शाम होते-होते पूरी राजधानी दीयों और लाइटिंग से जगमगाने लगी। इसके साथ ही गली मोहल्लों में लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हुए देखे गये।

अनगिनत दीपों से जगमगाती रामनगरी की शोभा सोमवार शाम देखते ही बन रही थी। अद्भुत, अलौकिक, अविस्मरणीय...कल्पनातीत सौंदर्य को जिसने भी देखा, अपलक निहारता ही रह गया।

प्रभु श्रीराम की नगरी के वासी हों, श्रद्धालु हों या भारत के सुदूर कोने-कोने से आए श्रद्धालु, सभी 'दीप/राम ज्योति' प्रज्ज्वलित कर श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत अवधपुरी के कण-कण, रज-रज में अपने राम को निहार रहे थे, अपने घर में रामलला की गूंज से हर ओर राम-राम नाम गुंजायमान रहा, सब में राम, जय जय श्रीराम सुनायी दे रहा है।

योध्या में श्रीरामलला के अपने दिव्य-भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत शाम को दीपोत्सव मनाया गया। प्रभु के भक्त संकटमोचक हनुमानगढ़ी मंदिर के सामने भी भक्ति में लीन अवधपुरी में यह आयोजन अद्वितीय, अविस्मणीय लगा रहा था। सभी के मन में इस बार अलग ही उमंग, उत्साह और उल्लास दिखाई दे रहा है, क्योंकि आज 500 वर्षों का इंतजार समाप्त हो गया।

अयोध्या दीपोत्सव में आज आस्था, आह्लाद और आत्मीयता के दीप जले। सहज आह्लाद के साथ आत्मीयता के भावों को संजोए हुए आराध्य प्रभु के प्रति आस्था निवेदित करते हुए सरयू तीरे, राम की पैड़ी, मठ-मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जल रहे अनगिनत दीपों के बीच निहाल श्रद्धालुओं का हर्ष, उमंग और अनुभूति हर कोई महसूस कर रहा था।

सहज भाव से हो रहे 'राम राम जय राजा राम' 'जय सिया राम' 'सियावर रामचन्द्र की जय' जयघोष के साथ सरयू की लहरों में उठती तरंगें देख ऐसा लगता था कि मानो सरयू मैया भी अपने राम की जयकार कर रही हों। श्रीराम के इस महाउत्सव पर पूरी अवधपुरी को सजाया गया था। अयोध्या के मंदिरों, छोटी गलियों से लेकर मुख्य मार्गों, सभी सरकारी, धार्मिक भवनों पर तो आकर्षक लाइटिंग की ही गई थी, नगरवासियों ने भी घरों में दीप जलाकर अपने राम को अपने बीच महसूस किया।