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प्रदूषण को लेकर सरकार सख्त, ग्रैप की पाबंदियों को सख्ती से लागू करने के दिए निर्देश

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प्रदूषण को लेकर सरकार सख्त, ग्रैप की पाबंदियों को सख्ती से लागू करने के दिए निर्देश


नई दिल्ली, 15 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ग्रैप की सभी पाबंदियों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ प्रदूषण को कम करने के उपायों को लागू करने पर जोर दिया। सोमवार को केन्द्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस संबंध में गाजियाबाद और नोएडा में वायु प्रदूषण से निपटने के उद्देश्य से बनाई गई कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की। एनसीआर में शहर-विशिष्ट कार्य योजनाओं पर समीक्षा बैठकों की श्रृंखला के हिस्‍से के रूप में यह पहली समीक्षा थी, जिसका समापन आने वाले दिनों में राज्य-स्तरीय समीक्षा के साथ होगा।

बैठक में दोनों शहरों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई पर विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं। जिसमें इन शहरों में किए जा रहे उपाय जैसे वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने के लिए स्मार्ट यातायात प्रबंधन प्रणालियों को अपनाना,

औद्योगिक इकाइयों द्वारा निर्धारित प्रदूषण मानकों का अनुपालन,

वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों की स्थिति और चार्जिंग बुनियादी ढांचे की उपलब्धता,

संपूर्ण सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और पार्किंग सुविधाओं को सुदृढ़ करना शामिल है। इसके साथ निर्माण एवं विध्वंस (सी एंड डी) अपशिष्ट पर रोक और यांत्रिक सड़क सफाई मशीनों को बढ़ावा देना भी शामिल है।

इस मौके पर भूपेंद्र यादव ने कार्य योजनाओं और हरित गतिविधियों के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन में जन प्रतिनिधियों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी पर भी बल दिया ताकि प्रदूषण नियंत्रण एक सच्चा जनभागीदारी आंदोलन बन सके।

भूपेंद्र यादव ने नगर निगम अधिकारियों को हरियाली बढ़ाने के प्रयासों के अंतर्गत गर्मी प्रतिरोधी और कम पानी की आवश्यकता वाली स्वदेशी किस्मों की झाड़ियों और घासों के रोपण की सलाह दी।

उन्होंने विभिन्न सरकारी और नगर निगम एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन योजनाएं तैयार करने का भी आह्वान किया ताकि अलग-थलग दृष्टिकोण और संसाधनों के दोहराव से बचा जा सके। भूपेंद्र यादव ने दिल्ली-एनसीआर में ज्यादा उपयोग वाले मार्गों और गलियारों की पहचान करने के लिए एक अध्ययन करने का सुझाव दिया, जिसके बाद कम से कम इन प्रमुख मार्गों पर संपूर्ण सार्वजनिक परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी