हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी : राजनाथ

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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी : राजनाथ


- रक्षा मंत्री ने नौसेना बेस कारवार में समुद्री सुरक्षा स्थिति और परिचालन तत्परता की समीक्षा की

नई दिल्ली, 05 अप्रैल (हि.स.)। रक्षा मंत्री ने नौसेना बेस कारवार में शनिवार को समुद्री सुरक्षा स्थिति और भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता की समीक्षा की। इस साल के पहले नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के प्रथम चरण के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कमांडरों से कहा कि भारत बदलती परिस्थितियों का आकलन करें और उसके अनुसार योजना, संसाधन और अभ्यास सुनिश्चित करे।

राजनाथ सिंह ने कर्नाटक के कारवार में 2025 के पहले नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के उद्घाटन चरण के दौरान समुद्री सुरक्षा स्थिति, भारतीय नौसेना की परिचालन तत्परता और भविष्य के दृष्टिकोण की समीक्षा की। रक्षा मंत्री ने नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत की, जिसमें समकालीन सुरक्षा प्रतिमानों को संबोधित करने, नौसेना की लड़ाकू क्षमता को आगे बढ़ाने के लिए आगे का रास्ता तैयार करने और रणनीतिक, परिचालन और प्रशासनिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।

कमांडरों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने, हर परिस्थिति में लोगों की अपेक्षाओं को पार करने और नई ऊर्जा और नवाचार के साथ राष्ट्र की सेवा के लिए निरंतर प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने में नौसेना के योगदान की सराहना की। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि वर्तमान अप्रत्याशित भू-राजनीतिक परिदृश्य के बीच सशस्त्र बलों की भविष्य की भूमिकाओं को फिर से परिभाषित करना आवश्यक है। उन्होंने वैश्विक विशेषज्ञों की इस मान्यता का उल्लेख किया कि 21वीं सदी एशिया की सदी है और भारत की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि यह क्षेत्र दुनिया के लिए एक केंद्र बिंदु बन गया है।

सम्मेलन का दूसरा चरण 07 से 10 अप्रैल तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रमुख परिचालन, सामग्री, रसद, मानव संसाधन विकास, प्रशिक्षण और प्रशासनिक पहलुओं की व्यापक समीक्षा की जाएगी। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ और चीफ ऑफ एयर स्टाफ भी तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को बढ़ावा देने और अभिसरण प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए सम्मेलन के दौरान नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम