मप्र के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सात हाथियों की माैत मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित
भोपाल, 30 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में स्थित प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते दो दिन में सात हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मुख्य वन जीव अभिरक्षक एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव वीएन अम्बाड़े ने टाइगर रिजर्व में हाथियों की असामान्य माैताें पर गहन जाँच करने के लिए बुधवार को उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन कर दिया।
इस समिति का अध्यक्ष अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव एल. कृष्णमूर्ति को नामांकित किया गया है। वहीं, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल रितेश सरोठिया (प्रभारी), स्कूल ऑफ वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एवं हेल्थ जबलपुर, अधिवक्ता एवं मानसेवी वन्यप्राणी अभिरक्षक कटनी मंजुला श्रीवास्तव और वैज्ञानिक, राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर को सदस्य मनोनीत किया गया है। यह समिति बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हुई हाथियों के असामान्य मृत्यु के संबंध में गहन जाँच एवं स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही के संबंध में अपना जाँच प्रतिवेदन 10 दिवस में प्रस्तुत करेगी।
दरअसल, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली और पतौर परिक्षेत्र के सलखनियां में मंगलवार को चार जंगली हाथी मृत मिले थे और छह हाथी गंभीर हालत में थे। दोपहर में जैसे ही गश्ती दल की नजर मृत हाथियों पर पड़ी तो उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद मंगलवार की रात में जब तक जबलपुर से डॉक्टरों की टीम पहुंच कर इलाज शुरू की तब तक दो हाथियों की और मौत हो गई, वहीं बुधवार सुबह एक और हाथी की मौत हो गई। इस तरह अब तक कुल सात हाथियों की मौत हो चुकी है। इसमें से तीन की हालत गम्भीर बनी हुई है। मरने वाले हाथियों में एक नर और छह मादा हैं। इनमें नर की उम्र चार से पांच साल और मादा की उम्र करीब तीन साल है। दिल्ली से एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए बांधवगढ़ पहुंची है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे सूचना मिली कि जंगल में 13 हाथियों का झुंड घूम रहा है। खितौली और पतौर परिक्षेत्र के सलखनियां में आठ हाथियों की तबीयत बिगड़ गई है। सभी 100 से 200 मीटर के एरिया में बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, जबलपुर, उमरिया और कटनी से आठ से ज्यादा वेटरनरी डॉक्टरों को बुलाया गया है।
उन्होंने बताया कि टाइगर रिजर्व में 60 से ज्यादा जंगली हाथी हैं, जो अलग-अलग झुंड बनाकर घूमते हैं। इनकी देख-रेख के लिए रोजाना जंगल में गश्त की जाती है। डॉक्टरों का कहना है कि हाथियों ने किसी जहरीले या नशीले पदार्थ का सेवन किया है। इस क्षेत्र में कोदो-कुटकी भी होती है। आशंका है कि हाथियों ने ज्यादा मात्रा या अधपका कोदो-कुटकी खाया होगा, इससे डिहाइड्रेशन भी हो सकता है।
बुधवार सुबह भोपाल से वन विभाग की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम भी बांधवगढ़ पहुंची। टीम वन विभाग के स्टाफ के साथ एरिया की जांच कर रही है। इसके लिए पांच टीमें बनाई गई हैं। डॉग स्क्वॉड और प्रबंधन के अधिकारियों के साथ सर्चिंग में जुटी है। मौके पर डॉग स्क्वॉड को बुलाकर सर्चिंग करवाई जा रही है। अब राज्य सरकार ने इसके लिए उच्च स्तरीय जांच समिति भी गठित कर दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर