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मप्र के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता वीरा के शावक की मौत

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मप्र के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता वीरा के शावक की मौत


मप्र के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता वीरा के शावक की मौत


- एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने वीरा और उसके दो शावकों को बाड़े से खुले जंगल में किया था रिलीज

श्योपुर, 05 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीकी मादा चीता वीरा के 10 महीने के शावक की मौत हो गई। उसे मादा चीता वीरा और दूसरे शावक के साथ एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाड़े से कूनो के पारोंद क्षेत्र में खुले जंगल में रिलीज किया था। शुक्रवार शाम पारोंद के जंगल में शावक का शव मिला है।

चीता प्रोजेक्ट के फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि शावक की मौत का वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। प्रारंभिक जांच में किसी तरह की चोट या संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं। उन्होंने बताया कि वीरा और उसका दूसरा शावक पूरी तरह सुरक्षित हैं। उनकी लगातार निगरानी की जा रही है। कूनो में चीतों की गतिविधियों और स्वास्थ्य पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर तीन चीतों को स्वछंद विचरण के लिये बाड़े से अभयारण्य में छोड़ा था। इनमें मादा चीता वीरा और उसके दो शावक शामिल हैं। बताया गया है कि गुरुवार देर रात ही ये शावक अपनी मां से अलग हो गया था। शुक्रवार को इसकी खोज की गई। शाम को पारोंद के जंगल में उसका शव मिला है।

फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा ने बताया कि इस शावक की मौत के बाद कूनो नेशनल पार्क में चीतों की कुल संख्या अब 28 रह गई है। इनमें 8 वयस्क चीते (5 मादा और 3 नर) और भारत में जन्मे 20 शावक शामिल हैं। पार्क के अन्य सभी चीते स्वस्थ बताए गए हैं। चीता प्रोजेक्ट के अधिकारी इस घटना की बारीकी से जांच कर रहे हैं। इसमें शावकों के प्राकृतिक व्यवहार, क्षेत्र में मौजूद खतरों और निगरानी प्रणाली की समीक्षा भी शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर