जलवायु सम्मेलन 2024: 'डीकोडिंग द ग्रीन ट्रांजिशन फॉर इंडिया
नई दिल्ली : भारत सरकार द्वारा आयोजित किए गए जलवायु सम्मेलन 2024 में जोड़े गए विभिन्न स्तरों के विचारकों, निर्णयकर्ताओं, और उद्यमियों ने 'डीकोडिंग द ग्रीन ट्रांजिशन फॉर इंडिया' पर विचार किए।
यह सम्मेलन, जो मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ, पर्यावरण, वन, और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था, ने वित्तीय संसाधनों और तकनीकी क्षमताओं को जुटाने में निजी क्षेत्र, जलवायु टेक स्टार्टअप, और संस्थागत निवेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित था।
सम्मेलन में उद्यमियों ने विभिन्न गतिविधियों और पैनल चर्चाओं में भाग लेकर आपसी विचार-विमर्श का हिस्सा बना। यहां उन्होंने नई और सुरक्षित जलवायु तकनीकों, सुस्त ऊर्जा स्रोतों, और हरित विकास के क्षेत्र में समाधानों पर विचार किया।
सम्मेलन ने भी उद्यमियों, स्टार्टअप्स, और निवेशकों के बीच नए साझेदारी मॉडल्स को प्रोत्साहित किया और उन्हें समृद्धि की दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
इसका लक्ष्य सरकारी प्रयासों का लाभ उठाना, नागरिक समाज और समुदायों को शामिल करना और नवीन जलवायु सेवाओं और रूपांतरण प्रौद्योगिकियों को विकसित करना था। सम्मेलन का आयोजन ग्रीन क्लाइमेट फंड रेडीनेस प्रोग्राम के अंतर्गत स्वतंत्र प्रदाता यूएनडीपी इंडिया और नॉलेज पार्टनर अवाना कैपिटल के सहयोग से किया गया था। इस उद्घाटन सत्र में कई प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इनमें पर्यावरण सचिव श्रीमती लीना नंदन, जी20 शेरपा श्री अमिताभ कांत, आईएफएससीए के अध्यक्ष श्री के राजारमण, अमेरिका के महावाणिज्य दूत श्री माइक हैंकी और गोदरेज इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष व एमडी और गोदरेज एग्रोवेट के अध्यक्ष श्री नादिर गोदरेज शामिल थे।
एमओईएफसीसी की सचिव श्रीमती लीना नंदन ने जलवायु परिवर्तन के कारण चरम घटनाओं के वैश्विक प्रभाव को रेखांकित किया और तत्काल कार्रवाई, योजना व धनराशि जुटाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम सहित मंत्रालय के कार्यों के बारे में जानकारी दी। सचिव ने आगे पर्यावरण के लिए जीवनशैली (लाइफ) का उल्लेख करते हुए कहा कि सूचना प्राप्त उपभोक्ता विकल्पों के लिए इकोमार्क अंकित करने की अवधारणा को फिर से शुरू किया गया है।
श्रीमती नंदन ने बीमा व जोखिम को कम करने, जलवायु स्टार्टअप्स को मुख्यधारा में लाने और उन्हें उद्योग व व्यापार मॉडल के रूप में बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि जलवायु कार्रवाई के लिए बायोमास का उपयोग और अपशिष्ट प्रबंधन जैसी गतिविधियां महत्वपूर्ण हैं।