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भारत रत्न से नवाजा जाएगा भाजपा के संस्थापक लालकृष्ण आडवाणी को

भाजपा के संस्थापक चेहरों में से एक, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा, इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से की है।
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नई दिल्ली : भाजपा के संस्थापक चेहरों में से एक, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा, इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से की है। प्रधानमंत्री ने अपने पोस्ट में आडवाणी जी के योगदान को स्मरणीय बताया और उनके जीवन की विभिन्न दशाओं में देश के लिए काम करने पर जोर दिया।

पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा, "लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है। उनका योगदान देश के विकास में स्मरणीय है, जो जमीनी स्तर पर से शुरू होकर उप-प्रधानमंत्री तक कई पदों पर काम करने में आया।" 

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, "मैं यह साझा कर के काफी खुश हूं कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने उनसे बात की और उन्हें इस सम्मान को दिए जाने पर बधाई दी। वह हमारे समय के सबसे बड़े और सम्मानित जननेता रहे हैं। भारत के विकास में उनका योगदान स्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर देश के उप-प्रधानमंत्री के तौर पर काम करते हुए चला। उन्होंने गृह मंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री के तौर पर काम करते हुए भी खुद को दूसरों से अलग किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय रहे हैं और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।"

भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान के कराची में 8 नवंबर, 1927 को एक हिंदू सिंधी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और मां का नाम ज्ञानी देवी है। उनके पिता पेशे से एक उद्यमी थे। शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद वह हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया। विभाजन के समय उनका परिवार पाकिस्तान छोड़कर मुंबई आकर बस गया। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। उनकी पत्नी का नाम कमला आडवाणी है। उनके बेटे का नाम जयंत आडवाणी और बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है।

आडवाणी 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत के सातवें उप प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं। इससे पहले वह 1998 से 2004 के बीच भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में गृहमंत्री रह चुके हैं। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी। 10वीं और 14वीं लोकसभा के दौरान उन्होंने विपक्ष के नेता की भूमिका बखूबी निभाई है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। 2015 नें उन्हें भारत के दूसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।