बनवारी लाल ने राज्यपाल पद से दिया इस्तीफा, प्रशासकीय पदों से भी अस्तित्व समाप्त
चंडीगढ़ : पंजाब राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने आज अपने पदों से इस्तीफा दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफा पत्र में कारण के रूप में निजी मामलों को बताया है।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजे जाने वाले इस पत्र में पुरोहित ने लिखा, "मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं राज्यपाल और प्रशासक के पदों से इस्तीफा दूं, जिससे मैं अपने निजी क्षेत्र को समर्थन और समझौता दे सकूं।"
शुक्रवार को दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद, पुरोहित ने यह निर्णय लिया और अपने पदों से इस्तीफा देने का फैसला किया। उन्होंने इस इस्तीफा के बाद नई दिशा की उम्मीद की है और राज्य में नए प्रशासनिक परिवर्तन का समर्थन किया है।
बनवारीलाल पुरोहित ने अगस्त 2021 को पंजाब के गवर्नर का पद संभाला था। वह 2017 से 2021 तक तमिलनाडु के राज्यपाल रहे। इससे पहले 2016 से 2017 तक वे असम के गवर्नर रह चुके हैं। पुरोहित भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। वह तीन बार नागपुर से सांसद रह चुके हैं। पुरोहित का जन्म 16 अप्रैल 1940 में राजस्थान में हुआ था।
पंजाब में उनका कार्यकाल काफी विवादों से घिरा रहा। खासतौर पर भगवंत मान सरकार के बनने के बाद से उनके और सीएम के रिश्तों में काफी तल्खी देखी गई थी। पंजाब विधानसभा के सत्र को बुलाने को लेकर तो दोनों में रार इतनी बढ़ी कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। वे अक्सर सरकार से विभिन्न मुद्दों को लेकर जवाब मांगते रहते थे।
अक्तूबर में पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में पेश किए जाने वाले तीन विधेयकों को मंजूरी देने से उन्होंने इनकार कर दिया था। इसके बाद सीएम भगवंत मान समेत आम आदमी पार्टी ने उनका विरोध किया था।