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उप्र मेंतीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ के साथ की समीक्षाबैठक

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उप्र मेंतीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ के साथ की समीक्षाबैठक


-उप्र के सभी सात कमिश्नरेट्स में 31 मार्च 2025 तक और पूरे प्रदेश में जल्द नए आपराधिक कानूनों का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित होः शाह

-उत्तर प्रदेश के हर जिले में एक से अधिक फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध हों: गृह मंत्री

नई दिल्ली, 07 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर समीक्षा बैठक की। बैठक में उत्तराखंड में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव, महानिदेशक, बीपीआर एंड डी और महानिदेशक, एनसीआरबी सहित गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए तीन नए आपराधिक कानून दंड-केन्द्रित नहीं बल्कि पीड़ित-केन्द्रित हैं और इनका उद्देश्य त्वरित न्याय सुनिश्चित करना है। गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फरवरी माह में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा कर इन कानूनों को राज्य में पूरी तरह जल्द से जल्द लागू करने को कहा।

अमित शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में नए आपराधिक कानूनों के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन से पूरे देश में एक अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उत्तर प्रदेश के सातों कमिश्नरेट्स में 31 मार्च 2025 तक नए आपराधिक कानूनों का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित हो।

तकनीक के उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राज्य के हर ज़िले में एक से अधिक फॉरेन्सिक मोबाइल वैन उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फॉरेन्सिक विज़िट के लिए टीमों को तीन श्रेणियों- गंभीर, सामान्य और अति सामान्य में विभाजित करना चाहिए जिससे संसाधनों और विशेषज्ञों का बेहतर उपयोग किया जा सके और गंभीर मामलों को प्राथमिकता दी जा सके।

अमित शाह ने कहा कि इस बात की नियमित और निरंतर मॉनिटरिंग होनी चाहिए कि दर्ज की गई कुल जीरो एफआईआर में से कितनी एफआईआर राज्यों को स्थानांतरित की गईं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन में और मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ तीन नए कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करनी चाहिए।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा