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दरगाह की दीवारों के पार: ख्वाजा के उर्स में जन्नती दरवाजा खुला

आजमेर की धरती में गरीब नवाज के 812वें उर्स के रौंगत में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का जन्नती दरवाजा शुक्रवार सुबह सोलहवें सफर में खोला गया।
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अजमेर : आजमेर की धरती में गरीब नवाज के 812वें उर्स के रौंगत में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह का जन्नती दरवाजा शुक्रवार सुबह सोलहवें सफर में खोला गया। यह परंपरागत रिवाज़ के तहत छह दिनों तक खुला रहेगा, जिससे श्रद्धालुओं को अपने दुआओं और आशीर्वाद के लिए इस मुबारक मौके का आनंद लेने का मौका मिलेगा। इस धार्मिक आयोजन के दौरान, जन्नती दरवाजे से निकलकर जियारत के लिए आने वाले अकीदतमंदों की भीड़ में शामिल होने के लिए दरवाजे के बाहर उमड़ा एक अद्भुत दृश्य बना।

जन्नती दरवाजे के दीदार और इसमें से निकलकर जियारत करने के लिए लम्बी कतार पूरी रात प्रतीक्षा करती रही और आज तड़के आस्ताना खुलने के साथ जैसे ही दरवाजा खुला दुआ में हाथ उठ गये। जन्नती दरवाजे पर होड़ का आलम बना रहा। दरगाह कमेटी के कार्मिकों ने पुलिस के सहयोग से मोटे रस्सों के जरिए भीड़ को नियंत्रित किया।

रजब माह का चांद आज नजर आ गया तो जन्नती दरवाजा खुला रहेगा। अन्यथा इसे खिदमत के समय बंद कर दिया जायेगा और फिर शनिवार से छह दिनों के लिए खोला जायेगा। अजमेर शरीफ में उर्स की रौनक धीरे धीरे बढ़ रही है। उर्स का समापन बड़े कुल के छींटों के साथ होगा।