अभाविप का तीन दिवसीय 71 वां राष्ट्रीय अधिवेशन संपन्न
-46 प्रांतों और मित्र राष्ट्र नेपाल के पंद्रह सौ से अधिक प्रतिनिधि हुए शामिल
-अभाविप अधिवेशन में बांग्लादेशी घुसपैठ सहित कुल पांच प्रस्ताव पारित -यह राष्ट्रीय अधिवेशन राष्ट्र निर्माण का एक पवित्र यज्ञ है: मुख्यमंत्री
देहरादून, 30 नवंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) का तीन दिवसीय 71वां राष्ट्रीय अधिवेशन 28 से 30 नवंबर के मध्य देवभूमि उत्तराखंड के द्रोणनगरी के परेड ग्राउंड पर बसाए गए भगवान बिरसा मुंडा नगर' में आयोजित हुआ। अधिवेशन में समाज, शिक्षा, पर्यावरण,सुरक्षा और समाज परिवर्तन का वाहक बने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंथन के पश्चात प्रस्ताव पारित किए गए। अधिवेशन में लघु भारत, अनेकता में एकता और विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन करने के अवसर के साथ ही विकसित भारत और युवा भविष्य को लेकर कई ऐतिहासिक अनुभवों का गवाह बना और भारत की गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिली।
राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिवस पर 'पर्याप्त वित्तीय आवंटन सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों को एक संरचना के अंतर्गत लाने की आवश्यकता','बांग्लादेशी घुसपैठ: राष्ट्रीय सुरक्षा एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चुनौती','मानवीय क्रियाकलापों से उत्पन्न प्राकृतिक आपदाओं के निवारण के लिए समाज की भूमिका', और 'विभाजनकारी ताकतों के विरुद्ध संगठित समाज ही समाधान' विषयक इन चार प्रस्तावों को प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन के उपरांत पारित किया गया। कुल पांच प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे,जिनमें से 'समाज परिवर्तन का वाहन बने युवा' प्रस्ताव को राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक में पूर्व ही पारित किया जा चुका था।
इसके उपरांत प्रो. यशवंतराव केलकर पुरस्कार समारोह आयोजित हुआ और अंत में अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा की गई। देवभूमि उत्तराखंड में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 71 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतर्गत प्रा. यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पुरस्कार से गोरखपुर के श्रीकृष्ण पाण्डेय को पुरस्कृत किया। श्रीकृष्ण पांडेय ‘आजाद’ 'स्माइल रोटी बैंक फाउंडेशन' के संस्थापक हैं और दो हजार से अधिक निराश्रित मनोरोगियों के उपचार-पुनर्वास, बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन, नशामुक्ति, स्वच्छता-पर्यावरण संरक्षण और दो पुनर्वास केंद्रों के संचालन के माध्यम से समाजसेवा में उल्लेखनीय योगदन दिया है। प्रा.यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार प्राप्तकर्ता श्रीकृष्ण पाण्डेय ‘आजाद’ ने कहा कि एक लाख रुपये की निधि को मैं भारतीय मनोरोगियों की सेवा के लिए यहीं समर्पित करता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अधिवेशन में भारत के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ हमारे पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में परिषद के कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं। यह राष्ट्रीय अधिवेशन एक सामान्य आयोजन नहीं है यह राष्ट्र निर्माण का एक पवित्र यज्ञ है। संघ जन्मशती यात्रा के माध्यम से भारत में सांस्कृतिक पुनर्जागरण, संगठन और सेवा की अविरल धारा को पुनः प्रज्वलित किया जा रहा है।
देवभूमि में चल रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में अभाविप की संगठनात्मक संरचना के अनुसार देशभर के 46 प्रांतों और मित्र राष्ट्र नेपाल से पंद्रह सौ से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इस राष्ट्रीय अधिवेशन में शिक्षा, समाज, पर्यावरण, संस्कृति आदि विषयों पर देशभर से आए विद्यार्थी, प्राध्यापक और शिक्षाविद विमर्श किया गया।
अधिवेशन के पहले दिन 28 नवंबर को विश्व प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक एवं पूर्व इसरो अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। दूसरे दिन अधिवेशन के दूसरे दिन की भाषण और समानांतर सत्रों के साथ खुला सत्र का आयोजन किया गया। देवभूमि की सड़कों पर अभाविप की ओर से 4.5 किमी लंबी भव्य शोभा यात्रा निकाली गई थी। इसमें देश के सभी राज्यों से आए 1500 से अधिक विद्यार्थियों की सहभागिता से लघु भारत के दर्शन हुए।खुला अविधवेशन सत्र में लव जिहाद के माध्यम से हिंदू युवतियों को मुस्लिम बनाने का षडयंत्र की बातों को रखा गया।
अखिल भारती विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए सजे बिरसा मुंडा नगर में प्रवेश करते ही भारत की गंगा-जमुनी तहजीब देखने को मिलीहै। नगर में भारत की उपलब्धियां, क्रांतिकारी रानी अब्बक्का, भगवान बिरसामुंडा,विवेकानंद के विचार, डॉ हेडगेवार की संगठनात्मक शक्ति,ज्ञान-विज्ञान का संसार सजा हुआ था। शोभा यात्रा में ’कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत माता एक हमारी’ का गूंजा स्वर, देहरादून में अभाविप की शोभायात्रा राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनी। भारतीय ज्ञानपरंपरा पर केंद्रित सत्र में मूल्य आधारित शिक्षा की राह उभरी।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

