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रूस से तेल व्यापार लेकर अमेरिका की नाराजगी पर भारत का पलटवार

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नई दिल्ली, 04 अगस्त (हि.स.) भारत ने रूस के साथ तेल खरीद को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा दोहरे मापदंड अपनाने एवं भारत को निशाना बनाए जाने की आज कड़ी भर्त्सना की और भारतीय सामरिक एवं व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए हर उपाय करने का संकल्प जताया है।

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार को देर रात एक बयान जारी करके कहा कि यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद रूस से तेल आयात करने के लिए अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भारत को निशाना बनाया है। वास्तव में, भारत ने रूस से आयात करना शुरू कर दिया क्योंकि संघर्ष शुरू होने के बाद पारंपरिक आपूर्ति को यूरोप में स्थानांतरित कर दिया गया था। उस समय अमेरिका ने वैश्विक ऊर्जा बाजारों की स्थिरता को मजबूत करने के लिए भारत द्वारा इस तरह के आयात को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित किया था।

प्रवक्ता के अनुसार भारत का आयात भारतीय उपभोक्ताओं को अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। ये वैश्विक बाजार की स्थिति से मजबूर एक आवश्यकता है। हालांकि, यह रहस्योद्घाटन है कि भारत की आलोचना करने वाले राष्ट्र ही स्वयं रूस के साथ व्यापार में लिप्त हैं। हमारे मामले के विपरीत, उनके लिए इस तरह का व्यापार एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मजबूरी भी नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा कि 2024 में यूरोपीय संघ का रूस के साथ 67.5 अरब यूरो का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। इसके अलावा, 2023 में सेवाओं में इसका अनुमानित व्यापार 17.2 अरब यूरो था। यह उस वर्ष या उसके बाद रूस के साथ भारत के कुल व्यापार से काफी अधिक है। 2024 में एलएनजी का यूरोपीय आयात वास्तव में रिकॉर्ड 16.5 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो 2022 में 15.21 मिलियन टन के अंतिम रिकॉर्ड को पार कर गया। यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा शामिल है, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात और मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि जहां अमेरिका का संबंध है, वह अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने ईवी उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरकों के साथ-साथ रसायनों का आयात करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में, भारत को निशाना बनाना अनुचित है। किसी भी प्रमुख अर्थव्यवस्था की तरह, भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन बुधौलिया