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पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होलकर ने समानता का राज बनाया

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सीएम फडणवीस ने किया मूर्ति का लोकार्पण

मुंबई, 15 दिसंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को सांगली जिले में पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्यादेवी होलकर के मूर्ति का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि राजमाता ने बहादुरी, पवित्रता, प्रशासन, बराबरी और न्याय का राज बनाया। उन्होंने भारतीय संस्कृति को फिर से ज़िंदा करने का काम किया। जब तक चांद और सूरज रहेंगे, तब तक उनका नाम रहेगा।

अभयनगर के शिंदे माला में बनी पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्यादेवी होलकर की घुड़सवारी वाली मूर्ति के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें ऐसे महान व्यक्तित्व की मूर्ति को देखने और समर्पित करने का अवसर मिला, जिन्होंने हमें आत्म-सम्मान, सार्वजनिक प्रशासन दिया। हमें सिखाया कि न्याय-आधारित प्रणाली क्या होती है। राज्य में अहिल्यादेवी की सबसे बड़ी प्रतिमा सांगली मनपा द्वारा बनाई गई। हमें मध्य युग में छत्रपति शिवाजी महाराज, पुण्यश्लोकी अहिल्यादेवी होलकर के शासनकाल में लोकतंत्र और समानता के सिद्धांत देखने को मिलते हैं। इसीलिए अहिल्यादेवी को पुण्यश्लोक की उपाधि मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुण्यश्लोकी अहिल्यादेवी होलकर का जन्म अहिल्यानगर जिले के चौंडी में हुआ था, जो हमारे लिए गर्व की बात है। वह सूबेदार मल्हारराव होलकर की बेटी थीं, जिन्होंने मराठा साम्राज्य को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। अहिल्यादेवी के पति के निधन के बाद, मल्हारराव ने उन्हें गलत रीति-रिवाजों को खत्म करने और एक आदर्श राज्य चलाने के लिए प्रोत्साहित किया। उसी से प्रेरणा लेकर उन्होंने 28 साल तक राज किया। एक आदर्श रानी कैसी होनी चाहिए, वह इसका एक बेहतरीन उदाहरण थीं। जब मुगलों ने भारतीय संस्कृति के निशान मिटाने का काम किया, उस समय अहिल्यादेवी ने अपने खर्चे पर उन पवित्र स्थानों, धार्मिक प्रतीकों और मंदिरों का जीर्णोद्धार किया। भारतीय संस्कृति को फिर से जीवित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वेश्वर घाट के जीर्णोद्धार और अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान भारत में मंदिरों को बचाने के लिए अहिल्यादेवी का नाम खास तौर पर लिया था। इस अवसर पर उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल, सांसद विशाल पाटिल, विधायक सदाभाऊ खोत, इदरीस नायकवाड़ी, जयंत पाटिल, डॉ. सुरेश खाड़े, सुधीर गाडगिल, गोपीचंद पडलकर, विश्वजीत कदम, सत्यजीत देशमुख, जिलाधिकारी अशोक काकड़े सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार