इंदौर में युवा कांग्रेस का प्रदर्शन, रैली निकालकर कलेक्टर का किया घेराव, पुलिस ने बैरिकेडिंग और वॉटर कैनन चला कर रोका
इंदौर, 8 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदाैर शहर में मेट्रो प्रोजेक्ट में कथित भ्रष्टाचार और अपराधों के खिलाफ सोमवार को युवा कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। सैकड़ों कार्यकर्ता रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और घेराव करने की कोशिश की। प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट था और कलेक्टर कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियाें काे रोका। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसके बाद पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। कार्यकर्ताओं ने मौके पर ही धरना देकर नारेबाजी की। इसी बीच कांग्रेस ने एसआईआर मामले में 5.68 लाख गायब मतदाताओं को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया है।
युवा कांग्रेस ने मेट्रो प्रोजेक्ट में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि ठेके, टेंडर और निर्माण में बड़े स्तर पर अनियमितता बरती जा रही है। साथ ही शहर में अपराध चरम पर हैं। महिलाओं से छेड़छाड़, चोरी, लूट और हत्या जैसी घटनाएं रोजाना हो रही हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन खामोश है, कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। रैली जैसे ही कलेक्टर कार्यालय के निकट पहुंची, पुलिस ने तुरंत बैरिकेडिंग लगा दी और कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ने से रोक दिया। कार्यकर्ता बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश करते रहे। पुलिस ने चेतावनी के बाद भीड़ को आगे नहीं बढ़ने दिया और वॉटर कैनन को स्टैंडबाय रखा। बैरिकेडिंग के सामने ही युवा कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर बैठ गए और “भ्रष्टाचार बंद करो”, “अपराध रोकने में नाकाम सरकार” जैसे नारे लगाते रहे। प्रदर्शन के दौरान कई बार पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का उपयोग किया और कार्यकर्ताओं पर पानी की तेज बौछारें छोड़ी गईं।
शहर युवक कांग्रेस अध्यक्ष अमित पटेल ने कहा कि इंदौर में चोरी-लूट, महिलाओं की सुरक्षा पर बढ़ते सवाल, नशा माफिया की सक्रियता और युवाओं में बढ़ती लत जैसे मुद्दों पर प्रशासन पूरी तरह असफल साबित हुआ है। उन्होंने कहा, “हमारी मांग है कि नशा मुक्त इंदौर अभियान चलाया जाए, नशा माफिया पर कड़ी कार्रवाई हो ”
इधर, कांग्रेस ने विशेष गहन पुनरीक्षण में 5.68 लाख मतदाताओं के गायब होने के खुलासे को लेकर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जिन मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, उन्हें सार्वजनिक किया जाए। पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने कहा कि पिछले चुनाव में इंदौर की नौ में से नौ विधानसभा सीटें बीजेपी ने जीती थीं, तब वोट 4.17 लाख थे, जबकि अब 5.68 लाख मतदाता गायब हैं। कांग्रेस ने इसे वोटरों की संभावित हेराफेरी बताया और पारदर्शिता की मांग की।
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे

