उज्जैनः चरक अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज की मौत, सीएसपी की समझाइश के बाद बंद हुआ हंगामा
उज्जैन, 8 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित चरक अस्पताल में सोमवार सुबह श्वास की तकलीफ से जूझ रहे एक मरीज की लिफ्ट में ही मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों और स्टाफ पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में काफी देर तक हंगामा किया। मृतक के बेटे का आरोप था कि समय पर अस्पताल लाने के बावजूद पिता को ऑक्सीजन नहीं दी गई और बिना ऑक्सिजन सपोर्ट के उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया जा रहा था। इसी दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाकर शांत करवाया।
नीलगंगा थाना पुलिस के अनुसार थाने के समीप स्थित राजीव रत्न कॉलोनी निवासी 55 वर्षीय अनिल पिता लक्ष्मण कछावा को सोमवार सुबह परिजनों ने सर्दी-जुकाम और श्वास लेने में परेशानी आने के बाद चरक अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल में डॉक्टर ने दवाइयां और इंजेक्शन दिए, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। श्वास की तकलीफ लगातार बढ़ती गई। काफी देर बाद डॉक्टर ने फैसला लिया कि मरीज को आईसीयू में शिफ्ट करना होगा। परिजनों का आरोप है कि इस बीच मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट तक नहीं दिया गया। स्ट्रेचर पर मरीज को आयसीयू में ले जाने के लिए लिफ्ट तक लाए। इसी दौरान लिफ्ट में अनिल कछावा ने दम तोड़ दिया।
स्टॉफ पर लगाए आरोप
मरीज की मौत की खबर जैसे ही परिजनों को लगी, वे भडक़ उठे। मृतक के परिचितों, रिश्तेदारों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते वार्ड में चीख-पुकार मच गई। हंगामे की सूचना मिलते ही कोतवाली सीएसपी राहुल देशमुख पुलिस बल मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया। सीएसपी राहुल देशमुख ने परिजनों को समझाया कि अगर इलाज में कोई लापरवाही लगती है तो मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर कार्रवाई की जा सकती है। परिजन पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं हुए। काफी मशक्कत के बाद परिजन शांत हुए और शव घर ले गए।
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हिन्दुस्थान समाचार / ललित ज्वेल

