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मध्य प्रदेश में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण को 100 फीसदी तक पहुँचाने की दिशा में सशक्त पहल

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मध्य प्रदेश में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण को 100 फीसदी तक पहुँचाने की दिशा में सशक्त पहल


भोपाल, 08 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण को 100 फीसदी तक पहुँचाने की दिशा में सशक्त पहल करते हुए भोपाल के आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में सोमवार को राज्य स्तरीय संवेदनशीलता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण को सार्वभौमिक एवं समयबद्ध रूप से सुनिश्चित करना था।

कार्यक्रम का शुभारम्भ आयुक्त विकास मिश्रा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जन्म लेने वाला हर बच्चा, बिना किसी अपवाद के जन्म प्रमाण-पत्र प्राप्त करें, यह हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने पंचायत, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, नगरीय प्रशासन विभाग एवं चिकित्सा संस्थानों के बीच मज़बूत समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया।

मुख्य बिंदु

- यूनिसेफ की प्रतिनिधि पूजा सिंह ने कहा कि जन्म प्रमाण-पत्र बच्चों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, स्वास्थ्य लाभों और शैक्षिक अधिकारों तक पहुँच का आधार है।

- गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. सुनीत टंडन ने अस्पताल में जन्म प्रमाण-पत्र की डिजिटल और सुगम प्रक्रिया का उदाहरण साझा किया और इसकी अन्य अस्पतालों में विस्तार की आवश्यकता बताई।

- डीईएस द्वारा यह भी घोषित किया गया कि अब राज्य में हर बच्चे—विशेषकर बाल देखभाल संस्थाओं और दत्तक ग्रहण केंद्रों में रहने वाले बच्चों का समय पर जन्म पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

- कार्यशाला में विवाह पंजीकरण को भी मजबूत सीआरवीएस प्रणाली के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में चर्चा में शामिल किया गया।

- प्रो. अनुपमा रावत ने योजना निर्माण एवं जिला स्तरीय निर्णय प्रक्रिया में सटीक डेटा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

- सेवानिवृत्त एसपी शरद दुबे ने जमीनी अनुभवों और सामुदायिक स्तर पर रिपोर्टिंग को मजबूत करने के सुझाव साझा किए।

- नगरीय प्रशासन विभाग के संजीव दुबे ने सीएम हेल्पलाइन से प्राप्त नगरीय क्षेत्रों के मुद्दों और उनमें बेहतर समाधान के लिए पंजीकरण प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की।

- कार्यशाला में डीईएस, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, चिकित्सा महाविद्यालयों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं सहित 160 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। सत्र अत्यंत संवादात्मक रहे और कई उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया।

आयुक्त मिश्रा ने पुनः यह प्रतिबद्धता दोहराई कि प्रदेश में हर जन्म और हर मृत्यु का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा तथा हर बच्चे यहाँ तक कि सीसीआईएस और दत्तक केंद्रों में रहने वाले बच्चों को जन्म से ही कानूनी पहचान प्रदान की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर