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धार : संरक्षित स्मारकों के आसपास से हटाए जाएंगे अवैध अतिक्रमण

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धार : संरक्षित स्मारकों के आसपास से हटाए जाएंगे अवैध अतिक्रमण


धार : संरक्षित स्मारकों के आसपास से हटाए जाएंगे अवैध अतिक्रमण


धार, 5 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षित स्मारकों के आसपास के कब्जे और अतिक्रमण हटाने के लिए एएसआई तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों की संयुक्त बैठक शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभिषेक चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों के परिपालन में आयोजित बैठक में एएसआई के राज्य मुख्यालय भोपाल से आए अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ मनोज कुमार कुर्मी द्वारा प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 एवं प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवषेष अधिनियम 1958 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उनके द्वारा बताया गया कि प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम, 1904, लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल में ब्रिटिश भारत द्वारा पारित किया गया था, जिसका उद्देश्य प्राचीन स्मारकों और पुरातात्विक, ऐतिहासिक या कलात्मक रुचि की वस्तुओं का संरक्षण करना था। इस अधिनियम ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को प्राचीन स्मारकों के संरक्षण और जीर्णाेद्धार का अधिकार दिया और पुरावशेषों की तस्करी और खुदाई को नियंत्रित करने के लिए प्रावधान बनाए।

यह अधिनियम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को प्राचीन भारतीय स्मारकों के संरक्षण और पुनर्स्थापन का अधिकार देता है। यह पुरावशेषों के आवागमन और कुछ स्थानों पर उत्खनन पर नियंत्रण रखता है। केंद्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा किसी भी प्राचीन स्मारक को ‘‘संरक्षित स्मारक’’ घोषित कर सकती है। संरक्षित स्मारक को नुकसान पहुँचाने या खतरा पैदा करने पर जुर्माना और/या कारावास का प्रावधान है। अधिनियम के तहत कार्य करने वाले लोक सेवकों को संरक्षण प्रदान किया गया है। अधिनियम को पांच अध्यायों में विभाजित किया गया है, जिसमें संरक्षण, पुरावशेषों की तस्करी, पुरातात्विक उत्खनन, दंड और अन्य प्रावधान शामिल हैं। संरक्षित स्मारकों के प्रबंधन,देख रेख और अतिक्रमण संबंधित नियमों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई ।

भारत सरकार के नियमों अनुसार संरक्षित स्मारकों से 300 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार का निर्माण,खनन आदि गतिविधियां पूर्णतः प्रतिबंधित हैं, जिनके उल्लंघन पर जुर्माना और कैद तक की सजा दी जा सकती हैं। डॉ कुर्मी ने वन, पुलिस,प्रशासन और स्थानीय निकायों के अधिकारियों के सहयोग से स्मारकों को अतिक्रमण मुक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। बताया गया कि जिले में 66 प्राचीन धरोहर है। बैठक में वन मंडलाधिकारी श्री टी. विजयानंथम, अपर कलेक्टर श्री संजीव केशव पाण्डेय, जिले के सभी एसडीएम, सीईओ जनपद पंचायत, सीएमओ मुख्य नगर पालिका, डीएसपी आनंद तिवारी, एवं डीएटीसीसी के अधिकारी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Gyanendra Tripathi