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बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर होगी रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव: मंत्री राजपूत

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बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर होगी रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव: मंत्री राजपूत


बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर होगी रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव: मंत्री राजपूत


- मायनिंग, टूरिज्म, नवकरणीय ऊर्जा, टेक्सटाइल और आईटी डाटा सेंटर के क्षेत्र में निवेश होगा, 4500 से अधिक उद्यमियों ने कराया पंजीयन

भोपाल, 25 सितंबर (हि.स.)। बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर में 27 सितंबर को होने वाली रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव बुंदेलखंड के विकास में मिल का पत्थर साबित होगी। कॉन्कलेव का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। यह जानकारी बुधवार की शाम खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने आयोजन स्थल पुलिस अकादमी परेड ग्राउंड की तैयारी का जायजा लेते हुए दी।

मंत्री राजपूत ने बताया कि तैयारियां अतिम चंरण में है। इस भव्य आयोजन में देश और विदेश के साढे चार हजार से अधिक उघमियों ने अभी तक पंजीयन कराया है। एक दिवसीय इस आयोजन में खनिज, पर्यटन, नवकरणीय ऊर्जा, टेक्सटाईल, आईटी, डॉटा सेंटर के क्षेत्र में भरपूर निवेश होने की संभावना है। आयोजन के अंत में एक जिला-एक उत्पाद पर कार्यशाला आयोजित की जावेगी। कॉन्कलेव की तैयारियां अंतिम चरण में है। पूरे शहर को आमंत्रित अतिथियों के स्वागत में दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्कलेव में मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश और विदेश के उद्यमियों को शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव उद्यमियों से चर्चा कर बुंदेलखंड में निवेश करने के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास की चिंता है। वह हर समय मुझे से बुंदेलखंड के विकास पर चर्चा करते हैं। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में खनिज, पर्यटन, कुटीर उद्योग, (जैसे बीड़ी, अगरबत्ती) नवकरणीय ऊर्जा, पेट्रो केमिकल्स ,प्लास्टिक, खाद्य प्रसंस्करण, डेरी और फर्नीचर निर्माण में उद्योग लगाने की पर्याप्त संभावनाएं हैं।

मंत्री राजपूत ने बताया सागर की पहचान चांदी उद्योग के रूप में देश में है। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में चनौआ में टमाटर, चितौरा में मिर्ची, जैसीनगर की हल्दी और शाहगड़ में देसी घी के उत्पादन की इकाइयां स्थापित किए जाने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। यदि यह प्रयास किए जाते हैं तो सागर फूड प्रोसेसिंग एवं उत्पादन का हब बन सकता है। इसी प्रकार शाहगड़ और हीरापुर क्षेत्र में खनिज उत्पादन इकाइयां स्थापित किए जाने की बेहतर संभावनाएं हैं। यहां पर रॉक फास्फेट, डोलोमाइट,जिप्सम, सोप स्टोन, आयरन प्रचुर मात्रा में है। शाहगड़ का खनिज पूरे देश में विख्यात है। एक समय शाहगड़ के काले पत्थर की विदेश में काले सोने के रूप में पहचान थी। मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि सागर के सिद्धआ औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के भरपूर प्रयास किए जाएंगे। यहां के उद्यमियों को सड़क बिजली और पानी जैसी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि आयोजन में एक जिला एक उत्पाद पर कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इसमें उत्पादों के प्रोसेसिंग मार्केटिंग, बैंक सुविधाओं और निर्यात के संबंध में उद्यमियों से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव चर्चा करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर