रतलामः क्लोरीन गैस रिसाव मामले में फैक्ट्री सील, संचालक पर सुरक्षा उपकरण नहीं रखने का केस दर्ज
रतलाम, 07 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के जावरा इंडस्ट्रियल एरिया में शनिवार रात एक फैक्टरी में क्लोरीन गैस का रिसाव हो गया था। सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने सिलेंडर पर पानी डाल दिया, जिससे गैस का असर कम होने के बजाय और तेज हो गया। इससे तीन दमकल कर्मचारी समेत पांच लोगों की तबीयत बिगड़ गई। तीनों दमकल कर्मियों को रतलाम मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में शिफ्ट किया गया है। रिसाव बंद करने के लिए रतलाम से इप्का फैक्ट्री और नागदा से टेक्निकल टीम बुलाई गई, जिन्होंने हालात पर काबू पाया।
दरअसल मामले में फैक्ट्री को सील कर दिया गया है, साथ ही औद्योगिक थाना पुलिस ने फैक्ट्री संचालक साहित्य पुत्र अब्दुल रहीम खान निवासी भगत गली जावरा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। गैस रिसाव होने व फैक्ट्री में सुरक्षा उपकरण नहीं होने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है।
मौके पर मौजूद फायर लॉरी चालक कुलदीप गहलोत ने बताया कि फैक्टरी में 'गैस रिसाव की सूचना पर हम रात 7.30 बजे पहुंचे। वहां मौजूद जवानों ने गाड़ी अंदर ले जाने को कहा। हमने पानी की फायरिंग स्टार्ट की। मेरे एक साथी ने गाड़ी के ऊपर से सिलेंडर पर पानी का छिड़काव किया। पानी गिरते ही गैस का रिसाव तेज हो गया। हमें घुटन और सांस लेने में तकलीफ होने लगी। आंखों में जलन होने लगी। हमारे पास सुरक्षा के कोई साधन नहीं थे, केवल मास्क लगा रखा था। हालात बिगड़ने पर हम बाहर आ गए। वहीं, दमकल कर्मचारी बालाराम ने बताया कि पानी का छिड़काव किया तो ऐसा लगा कि गैस भाप बन गई। अधिकारी व पुलिस वाले बाहर थे। हम तीन लोग अंदर गए थे। सुरक्षा को लेकर कोई साधन नहीं हैं। केवल मास्क पहन रखा था। कुलदीप और बालाराम के अलावा दमकलकर्मी पुष्कर देवरिया को भी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। रात में ही कलेक्टर मिशा सिंह और एसपी अमित कुमार ने अस्पताल पहुंचकर जानकारी ली।
हादसे में तीन दमकल कर्मियों के अलावा फैक्ट्री के दो अन्य कर्मचारियों को भी सांस लेने में तकलीफ हुई। उन्हें जावरा के प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। पांचों की हालत स्थिर बताई जा रही है। मौके पर एसडीईआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जिस फैक्ट्री में रिसाव हुआ, वहां फेरिक सल्फेट पाउडर बनाया जाता है। फैक्ट्री में सुरक्षा के कोई साधन नहीं थे। जब सिलेंडर से गैस रिसाव हुआ तो वहां मौजूद तीन कर्मचारी इसे रोक नहीं पाए। उन्हें नहीं पता था कि रिसाव कैसे कंट्रोल करें, इसलिए वे मौके से भाग गए। बाद में प्रशासन ने मोर्चा संभाला।
जावरा विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय विधानसभा सत्र से लौटकर सीधे मौके पर पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद फैक्ट्री कर्मचारी और संचालक की क्लास ली। विधायक ने पूछा कि गैस रिसाव बंद करने की क्या व्यवस्था है और इंजीनियर कौन है? इस पर कोई जवाब नहीं मिला। एक कर्मचारी ने बताया कि रॉ मटेरियल का सिलेंडर 30 साल पुराना है। विधायक ने अधिकारियों को फैक्ट्री संचालक पर कार्रवाई करने को कहा है। रविवार को फैक्ट्री को सील कर संचालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

