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अनूपपुर: अमृत योजना में स्वच्छता की अनदेखी, नरक’ बना स्टेशन परिसर

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अनूपपुर: अमृत योजना में स्वच्छता की अनदेखी, नरक’ बना स्टेशन परिसर


अनूपपुर: अमृत योजना में स्वच्छता की अनदेखी, नरक’ बना स्टेशन परिसर


अनूपपुर, 7 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिला मुख्यालय में अमृत योजना के तहत रेलवे स्टेशन का कायाकल्प भले ही चल रहा हो, लेकिन स्टेशन परिसर के बाहर स्वच्छता की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। बाहरी क्षेत्र में सुलभ शौचालय न होने के कारण यात्रियों व स्थानीय रहवासियों को दुर्गंध और असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी बदहाल है कि लोग इसे ‘नरक जैसी परिस्थिति’ कहकर भड़क उठे हैं। ज्ञात हो कि भारतीय गण वार्ता (भगवा) पार्टी के जिला महासचिव वरुण चटर्जी ने स्टेशन अधीक्षक के माध्यम से 11 अप्रैल 2025 को महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, बिलासपुर के नाम पूर्व मे ज्ञापन सौंपा था, जिसमें स्टेशन के बाहर सुलभ शौचालय निर्माण की मांग उठाई गई है।

अनूपपुर स्टेशन एक महत्वपूर्ण जंक्शन होने के कारण प्रतिदिन हजारों यात्री यहाँ आते-जाते हैं। योजना के तहत स्टेशन को आधुनिक और सुंदर बनाने,यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ देने के करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन स्टेशन के बाहर सुलभ कंपलेक्स न होने से लोग मजबूरी में खुले में मूत्र विसर्जन कर रहे हैं, जिससे बदबू के कारण आसपास के यात्रियों, दुकानदारों और रहवासियों का जीना दूभर हो गया है। स्टेशन के अंदर मौजूद शौचालय का उपयोग करने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट लेने की अनिवार्यता लोगों को रोकती है। इस कारण अधिकांश लोग सामने स्थित खाली जगह का ही उपयोग कर रहे हैं, जिससे दुर्गंध और गंदगी फैल रही है।

जिला महासचिव वरुण चटर्जी ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि “रेलवे प्रशासन को यात्रियों की असुविधा से कोई सरोकार नहीं, सिर्फ राजस्व संग्रह ही उनकी प्राथमिकता है। जनता की सुविधा के लिए उनकी कोई पहल नहीं दिखती।” जिला महासचिव ने मांग की हैं कि सुलभ कॉम्प्लेक्स हेतु बजट स्वीकृत कर उसके निर्माण कार्य को तत्काल प्रारंभ किया जाए, जिससे स्टेशन आने-जाने वाले यात्रियों को राहत मिल सके।

अमृत योजना में हो स्वच्छता की प्राथमिकता

स्थानिय लोगो का कहना हैं कि सुंदर परिसर,आधुनिक इमारतें और आकर्षक लाइटिंग का कोई अर्थ नहीं, स्टेशन के सौंदर्यीकरण पर करोड़ों खर्च होने के बाद भी सिर्फ एक सुलभ शौचालय की कमी ने पूरे अमृत योजना की छवि धूमिल कर दी है। यात्री बार-बार शिकायत करते हैं कि स्टेशन के सामने फैलती गंदगी और सांस रोक देने वाली दुर्गंध के कारण योजना का औचित्य ही कमजोर पड़ रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला