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इंदौरः एमवायएच को आदर्श अस्पताल के रूप में किया जाएगा विकसित

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- उप मुख्यमंत्री शुक्ल को मंत्री सिलावट ने अपनी ओर से प्रस्तुत किया मास्टर प्लान

इंदौर, 6 जुलाई (हि.स.)। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने शनिवार को मेडिकल कॉलेज में संपन्न हुई बैठक में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल को एमवाय अस्पताल को आदर्श अस्पताल के रूप में विकसित करने के संबंध में आग्रह किया। उन्होंने अपने द्वारा प्रस्तुत मास्टर प्लान में आग्रह किया कि अस्पताल को आदर्श अस्पताल के रूप में विकसित किया जाए।

मंत्री सिलावट ने बताया कि इंदौर का एमवाय अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल है, जो कि लगभग 70 से 80 वर्ष पुराना है। यहां पर मालवा-निमाड़ एवं मध्यप्रदेश के सीमावर्ती प्रांत गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान से भी हजारों की संख्या में प्रतिदिन मरीज उपचार हेतु आते हैं, जिनमें अधिकांश मरीज गरीब एवं मजदूर वर्ग के होते हैं। अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 5000 मरीज ओ.पी.डी. में, 1000 से अधिक मरीज आई.पी.डी. में तथा 500 से अधिक मरीज इमरजेंसी में उपचार हेतु आते हैं। अस्पताल में प्रतिदिन 200 से अधिक ऑपरेशन किये जाते हैं।

उन्होंने बताया कि एमवाय अस्पताल विगत 70 से 80 वर्ष पुराना होने से इसके उन्नयन की लगातार मांग होने से तथा मरीजों की अत्यधिक संख्या को देखते हुए उनके बेहतर ईलाज एवं आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं देने के लिए एमवाय अस्पताल एवं उससे संबंधित अस्पतालों को आदर्श अस्पताल बनाये जाने हेतु अत्याधुनिक मशीनरी एवं चिकित्सकीय संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने तथा अन्य विकास एवं उन्नयन कार्यों की स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया।

सिलावट ने उप मुख्यमंत्री शुक्ल से आग्रह किया कि यहां एक हजार बिस्तरीय नया अस्पताल बनाया जाये, जिसमें 400 बेड का अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर तथा 50 बिस्तरीय नया डायलिसिस यूनिट स्थापित किया जाये। उन्होंने बताया कि एमवाय अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 500 से 700 ट्रॉमा एवं एम.एल.सी. के मरीज आते हैं। वर्तमान में यहां 40 बेड का Accident And Casualty Centre संचालित है, जो पर्याप्त नहीं है। साथ ही 50 बिस्तर का अत्याधुनिक नया डायलिसिस यूनिट स्थापित किया जाये। मरीजों की संख्यां को देखते हुए यहां G 6 भवन में 400 बेड का अत्याधुनिक ट्रॉमा सेंटर स्थापित किया जाना आवश्यक है, जिसमें 50 बेड का आई.सी.यू. तथा 6 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर हो। इस हेतु केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर के और पद निर्मित किए जाए। वर्तमान में MRTB अस्पताल का भवन लगभग 70 वर्ष पुराना होकर 100 बेड की क्षमता के साथ संचालित है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 250 से 300 बेड की क्षमता के साथ अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, नए उपकरण (E-Bus, Cryo, Navigation System) एवं सी.टी. मशीन की स्थापना करते हुए MRTB अस्पताल को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाए।

सिलावट ने बताया कि वर्तमान में चाचा नेहरू अस्पताल 100 बेड की क्षमता के साथ संचालित है, इसका बच्चों के उपचार हेतु विस्तार किया जाना आवश्यक है। इसकी बेड क्षमता को 300 बेड का करने के साथ-साथ अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर बनाया जाये। पीडियाट्रिक मेडिसीन एवं पीडियाट्रिक सर्जरी दोनों एक ही स्थान पर हो । किडनी के मरीजों के लिए 50 डायलिसिस यूनिट का अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त सेंटर का निर्माण किया जाये। एमवाय अस्पताल के सभी ऑपेरशन थिएटर का मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर के रूप में उन्नयन किया जाए। अस्पताल के आंतरिक रख-रखाव के लिए एक Hospital Infrastructure Management Service (अस्पताल भवन प्रबंधन प्रणाली एवं अस्पताल यांत्रिकी एवं विद्युत सेवाएं) का गठन किया जाए, जो अस्पताल एवं उसके मेडिकल इक्विपमेंट का भी रख-रखाव कर सके। मशीनों के रख-रखाव के लिए इंजीनियर और ए.एम.सी.सी.एम.सी. के लिए पूरा सेटअप स्थापित किया जाए। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी की स्थापना की जाए। एम. वाय. अस्पताल एवं एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज के कैंपस के सौंदर्याकरण , सड़कों का चौडीकरण, वृक्षारोपण, मल्टी लेवल पार्किंग एवं ट्रेफिक व्यवस्था आदि कार्य किये जाए। सभी प्रकार के अतिक्रमण एवं जीर्ण-शीर्ण हो चुकी पुरानी इमारतों एवं घरों को हटाया जाये एवं अस्पताल परिसर में जहां बाउण्ड्रीवॉल नहीं है, वहां बाउण्ड्रीवाल बनाया जाए। डॉक्टर, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ के रहने के लिए नए क्वार्टर्स का निर्माण किया जाए। अभी अस्पताल में बहुत कम क्वाटर्स है और जो है वे भी 30 से 100 साल पुराने हैं। उन्होंने एमवाय चिकित्सालय को आदर्श अस्पताल बनाए जाने के लिए मरीजों के हित में सुविधाएं, विकास एवं उन्नयन कार्यों की स्वीकृति प्रदान किए जाने का अनुरोध किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश